Advertisement
  • होम
  • अध्यात्म
  • नरक चतुर्दशी 2017: दिवाली से एक दिन पहले होती है यमराज की पूजा, पूजा विधि और महत्व

नरक चतुर्दशी 2017: दिवाली से एक दिन पहले होती है यमराज की पूजा, पूजा विधि और महत्व

देशभर में दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी. घर-घर में मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां लक्ष्मी की पूजा से पहले यमराज की पूजा की जाती है? जी हां, दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी आती है. इसे लोग नरक चौद, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं.

Advertisement
  • October 17, 2017 7:21 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: देशभर में दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी. घर-घर में मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां लक्ष्मी की पूजा से पहले यमराज की पूजा की जाती है? जी हां, दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी आती है. इसे लोग नरक चौद, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन यमराज की पूजा की जाती है. ये भी कहा जाता है कि इसी दिन बजरंगबली का भी जन्म हुआ था इसलिए यम चतुर्थी के दिन बजरंगबली की भी पूजा होती है. 
 
क्या है यमराज की पूजा विधि?
 
मान्यता है कि दिवाली से एक रात सोने से पहले घर के बाहर एक पुराना चौमुख दिया जलाया जाता है. कुछ जगहों पर लोग घर से बाहर चौराहे पर भी यमराज के नाम का दिया जलाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन घर के बाहर दिया जलाकर रखने से यमराज प्रसन्न होते हैं और घर में अकाल मृत्यु की संभावना टल जाती है.एक मान्यता ये भी है कि नरक चतुर्दशी के दिन घर के बाहर दीपक की रौशनी से पितरों को अपने लोक जाने का रास्ता नजर आता है. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और धन-धान्य का आशीर्वाद देते हैं. 
 
नरक चतुर्दशी के दिन क्या करें?
 
नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर तेल की मालिश करें और सुर्योदय से पहले स्नान करें. नहाकर साफ सुथरे कपड़े पहनकर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके बैठ जाएं. इसके बाद इन मंत्रों का जाप करें.
 
ऊं यमाय नम:, ऊं धर्मराजाय नम:, ऊं मृत्यवे नम:, ऊं अन्तकाय नम:, ऊं वैवस्वताय नम:, ऊं कालाय नम:, ऊं सर्वभूतक्षयाय नम:, ऊं औदुम्बराय नम:, ऊं दध्राय नम:, ऊं नीलाय नम:, ऊं परमेष्ठिने नम:, ऊं वृकोदराय नम:, ऊं चित्राय नम:, ऊं चित्रगुप्ताय नम:
 
 

Tags

Advertisement