यशवंत सिन्हा ने फिर साधा PM मोदी पर निशाना, कहा- कार और बाइक की बिक्री बढ़ना देश की तरक्की नहीं
बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर मोदी सरकार को उसकी आर्थिक नीतियों को लेकर निशाना बनाया है. सिन्हा ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कारों और मोटरसाइकिलों की बिक्री बढ़ी है क्या इसका मतलब देश की तरककी होना है. जेपी का उल्लेख करते हुए यशवंत सिन्हा ने लोकशक्ति आंदोलन की अपील की
October 16, 2017 3:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई: बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर मोदी सरकार को उसकी आर्थिक नीतियों को लेकर निशाना बनाया है. सिन्हा ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कारों और मोटरसाइकिलों की बिक्री बढ़ी है क्या इसका मतलब देश की तरककी होना है. जेपी का उल्लेख करते हुए यशवंत सिन्हा ने लोकशक्ति आंदोलन की अपील की, जिससे राजसत्ता पर नियंत्रण रखा जा सके. दरअसल कुछ महीनों से लगातार यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर मोर्चा खोला हुआ है. पीएम मोदी भी आईसीएसआई के गोल्डन जुबली समारोह में आंकड़े दिखाकर जवाब दे चुके हैं.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं बहुत दिनों से नोटबंदी पर बोलना नहीं चाह रहा था क्योंकि ऐसी चीज पर कोई क्या कहे जो फेल हो चुकी है. सिन्हा ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तब सरकार पर टेक्स टेररेजम और रेड राज के आरोप लगाते थे लेकिन आज सरकार वही कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के मुखिया ने हाल ही में घंटे भर के भाषण में भारत का विकास दिखाया और बताया देखो की मोटरसाइकिल बिक रही है और कार बिक रही है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या इसका मतलब है देश प्रगती कर रहा है, बिक्री तो हुई लेकिन क्या कोई उत्पादन हुआ. उन्होंने ये बातें महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला में किसानों के गैर सरकारी संगठन शेतकारी जगर मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं.
बता दें कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की बुक ‘टाइडिंग्स ऑफ ट्रबल्ड टाइम्स’ के लांच फंक्शन में भी यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पार्टी में लोग कुछ भी बोलने से डरते हैं क्योंकि उन्हें टिकट कटने का डर है. मेरे लेख के बाद मेरे बेटे जयंत सिन्हा का भी लेख आया. वो लोग हमें आपस में ही उलझाना चाहते थे. फिर मेरे लिए कहा गया कि मैं पद चाहता हूं लेकिन वो मुझे इसमें भी नहीं उलझा पाए. ऐसा नहीं होता तो बुधवार को पीएम मोदी को स्पीच देने की जरूरत नहीं थी. एक बात और पिता-पुत्र के बीच कोई विवाद नहीं हो सकता.