रमा एकादशी 2017 : रमा एकादशी शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पारण करने का शुभ समय

इस बार दिवाली 2017, 19 अक्टबूर की है. कार्तिक माह में हिंदू धर्म से जुड़े कई बड़े त्योहार मनाएं जाते हैं. इस माह में ही छठ, गोवर्धन पूजा, धनतेरस और रमा एकादशी जैसे बड़े पर्व मनाएं जाते हैं.

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रमा एकादशी 2017 : रमा एकादशी शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पारण करने का शुभ समय

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  • October 14, 2017 5:13 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. इस बार दिवाली 2017, 19 अक्टबूर की है. कार्तिक माह में हिंदू धर्म से जुड़े कई बड़े त्योहार मनाएं जाते हैं. इस माह में ही छठ, गोवर्धन पूजा, धनतेरस और रमा एकादशी जैसे बड़े पर्व मनाएं जाते हैं. इस महीने की एकादशी को रमा या पारण एकादशी भी कहते हैं. इस बार एकादशी 30 नवंबर को है. इस दिन विशेष कथा पढ़कर भगवान की अराधना की जाती है. इस व्रत को करने से भगवान अपने भक्तों के घर में सुख-समृद्धि का आशर्वाद देते हैं. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है. एकादशी व्रत में द्वादशी के दिन सूर्योदय होने से पहले पारण करना होता है. पारण करने के बाद ये व्रत संपन्न होता है. 
 
रमा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरू- 15 अक्टूबर सुबह 4.33 बजे 
एकादशी तिथि का समाप्त- 16 अक्टूबर सुबह 3.33 बजे तक
 
पारण का शुभ समय- 01.09-03.26 बजे के बीच
 
रमा एकादशी व्रत कथा
कहा जाता है कि एक मुचुकुंद नाम के राजा थे. राजा की एक कन्या थी. जिसका नाम चन्द्रभागा था. इस राजकुमारी का विवाह राजा चंद्रसेन के बेटे शोभन के साथ विवाह हुआ. राजा शोभन बिना खाना-पानी एक मिनट भी नहीं रह सकता था. एक बार राजकुमारी और शोभन राजा मुचुकुंद के राज्य में गए. लेकिन राजकुमारी परेशान हो रही थी क्योंकि उस दिन एकादशी थी. और उसके पिता के राज्य में इस दिन कोई भी खाना नहीं खाता है. ये सुनकर शोभन ने प्रण किया कि वो भी व्रत करेंगे. राजा शोभन ने व्रत तो किया लेकिन राजा भूख-प्यास बर्दाश नहीं कर पाया और उनकी मौत हो गई. इसके बाद राजकुमारी ने अपने पिता के राज्य में रह कर ही पूजा पाठ की और एकादशी का व्रत पूरी विधि-विधान के साथ करना शुरू किया. इस व्रत को करने से उसके पति को अगले जन्म में देवपुर गांव के राजा के रूप में जन्म लिया. इस प्रकार कहा जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन की कठनाईयां कम होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. 
 

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