फिर SIT के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना
डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसा गुरुवार को भी जांच में शामिल होने के लिए SIT के सामने पेश नहीं हुईं. विपासना ने बीमारी का हवाला देकर एसआईटी के सामने नहीं आई है. विपासना इंसा को पुलिस द्वारा दो बार सम्मन करने के बाद भी पंचकूला नहीं पहुंची.
October 12, 2017 4:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पंचकूला: डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसा गुरुवार को भी जांच में शामिल होने के लिए SIT के सामने पेश नहीं हुईं. विपासना ने बीमारी का हवाला देकर एसआईटी के सामने नहीं आई है. विपासना इंसा को पुलिस द्वारा दो बार सम्मन करने के बाद भी पंचकूला नहीं पहुंची. बता दें कि विपासना को मुकेश मल्होत्रा के नेतृत्व मैं बनी एसआईटी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था. विपासना ने 13 अक्टूबर का समय मांगा है, अब डेरा की चेयरपर्सन शुक्रवार को एसआईटी के सामने पेश होगी. बता दें कि इससे पहले भी दो बार सेहत का हवाला देकर विपासना SIT के सामने पेश नहीं हुई थीं.
वहीं एसआईटी ने खुलासा किया है कि 2 साध्वियों के साथ रेप के मामले में राम रहीम के 20 साल के लिए जेल जाने के बाद हनीप्रीत ने ही पंचकूला हिंसा का मास्टर प्लान तैयार किया था. SIT के मुताबिक हनीप्रीत ने ही देश विरोधी वीडियो बनाकर वायरल किया. जिसमें राम रहीम के समर्थन में नारेबाजी हो रही थी. SIT ने कहा कि वायरल वीडियो के सबूत हनीप्रीत के मोबाइल और लैपटॉप में हैं, जिन्हें बरामद किया जाना है. टीम ने कहा कि पंचकूला हिंसा में वांटेड आदित्य और पवन इंसां हिमाचल प्रदेश में हैं. उनके ठिकाने हनीप्रीत जानती है.
डेरा प्रमुख के पीए राकेश ने पुलिस को बताया है कि पंचकूला हिंसा में हनीप्रीत ने ब्लैकमनी का इस्तेमाल किया था. पंचकूला में 25 अगस्त को हुई आगजनी और उपद्रव के लिए धनराशि भी हनीप्रीत के आदेश पर ही बंटवाई गई थी. पंचकूला हिंसा में शामिल 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये चारों हिंसा के दौरान बनी वीडियो में दिखे थे. जांच के दौरान हरियाणा पुलिस को ऐसे कई फोन कॉल्स के बारे में पता चला था जिनमें लोगों को हिंसा के लिए तैयार होने की बात कही जा रही थी. पंचकूला के पुलिस कमिश्नर ए. एस. चावला का कहना था कि अलग-अलग फोन कॉल में लोगों को पंचकूला कोर्ट के बाहर इकट्ठा होने और हिंसा करने के संदेश दिए गए थे.
बता दें कि 25 अगस्त को गुरमीत को दोषी पाए जाने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. इस हिसा में कई लोग घायल हुए थे और 100 से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दिया गया था. डेरा समर्थकों ने मीडियाकर्मियों पर भी हमले किए थे.