महापर्व छठ पूजा 2017: नहाय खाय 24 अक्टूबर को, पूजा विधि और महत्व
छठ पर्व के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छठ को पर्व नहीं, बल्कि महापर्व कहा जाता है. यूपी-बिहार वालों के लिए छठ के प्रति काफी अधिक आस्था होती है. चार दिनों तक चलने वाला ये छठ पर्व इस बार 24 तारीख से शुरू हो जाएगा. इस साल 24 तारीख को नहाय खाय है. ऐसा माना जाता है कि नहाय खाय के दिन से ही छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है और ये सुबह के अर्ध्य के साथ ही संपन्न होती है.
October 12, 2017 1:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. दिवाली के बाद महापर्व छठ की बारी आती है. छठ पर्व को लोक आस्था का पर्व माना जाता है. छठ महापर्व के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छठ को पर्व नहीं, बल्कि महापर्व कहा जाता है. यूपी-बिहार और झारखंड के लोगों में छठ के प्रति काफी अधिक आस्था होती है. चार दिनों तक चलने वाला ये छठ पर्व इस बार 24 तारीख से शुरू हो जाएगा. इस साल 24 तारीख को नहाय खाय है. ऐसा माना जाता है कि नहाय खाय के दिन से ही छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है और ये सुबह के अर्ध्य के साथ ही संपन्न होती है. महापर्व छठ की महिमा इतनी है कि अगर आपने पूरे तन, मन और वचन से ये व्रत रख लिया तो आपको मुंह मांगा वरदान मिलेगा.
दरअसल, छठ को सूर्य की उपासना का पर्व माना जाता है. साथ ही इस पर्व के पीछे छठी मइया की मान्यता भी है. ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा करने वाले को सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ पूजा को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है. छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं को परवैतिन या छठ व्रति कहा जाता है. छठ करने वाले लगातार 36 घंटों तक उपवास रखते हैं. इस दौरान खाना तो क्या, पानी तक नहीं पिया जाता है.
छठ का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है. सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है. इसके बाद छठ व्रती स्नान कर पवित्र तरीके से शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाती हैं और फिर भोजन करने के साथ ही पर्व की शुरुआत करती हैं. घर के सभी सदस्य व्रति के भोजनोपरांत ही भोजन ग्रहण करते हैं. भोजन के रूप में कद्दू-दाल और अरवा चावल ग्रहण किया जाता है. यह दाल चने की होती है. इसी दिन से व्रती बिस्तर पर सोना त्याग देते हैं और व्रत संपन्न होने तक बिस्तर पर नहीं सोते हैं.
छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा नेपाल के तराई इलाकों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि अब इस त्योहार की लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ रही है कि ये त्योहार बिहार- झारखंड से निकलकर देश-विदेश में भी बनाया जाने लगा है. इस पर्व में नहाय खाय के बाद जब पर्व शुरू होता है तो इस दौरान खाना तो क्या, पानी तक नहीं पिया जाता है. हालांकि, खरना के दिन प्रसाद ग्रहण करने की परंपरा जरूर है.
छठ पूजा कैलेंडर 2017
छठ पूजा के पहले दिन यानि नहाय-खाय समय और तारीख 24 अक्टूबर 2017 को है. इस दिन स्नान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से दिन 2.30 बजे तक रहेगा. दूसरे दिन यानि खरना जो 24 अक्टूबर 2017 के दिन है. इस दिन सूर्योदय 6.28 मिनट को और सूर्य अस्त- 5.42 मिनट पर होगा. छठ पूजा के तीसरे दिन सांझ का अर्घ्य यानि शाम का अर्घ्य होता है. इस सूर्योदय 6.29 मिनट, सूर्य अस्त- 5.41 मिनट पर होगा. छठ पूजा के आखिरी दिन यानि चौथे दिन भोर का अर्घ्य होता है. इस दिन 27 अक्टूबर 2017 को सूर्योदय 6.29 मिनट पर और सूर्य अस्त 5.40 मिनट होगा.