यूपी के मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम शख्स को फेसबुक पर गंगा नदी का मजाक उड़ाना महंगा पड़ गया. आरोपी शख्स को इस अपराध के लिए 42 दिन जेल में बिताने पड़े.
मुजफ्फरनगरः यूपी के मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम शख्स को फेसबुक पर गंगा नदी का मजाक उड़ाना महंगा पड़ गया. आरोपी शख्स को इस अपराध के लिए 42 दिन जेल में बिताने पड़े. 18 साल का आरोपी जाकिर अली त्यागी ने फेसबुक पर गंगा को जीवित इकाई का दर्जा देने, राम मंदिर बनाने के भाजपा के वादे पर वाद-विवाद करने और केंद्र द्वारा एयर इंडिया को दी गई हज सब्सिडी जैसे मुद्दे पर टिप्पणियां कीं थीं. यूपी पुलिस ने इन टिप्पणियों को अपराध मानते हुए जाकिर को गिरफ्तार किया था. इस अपराध के लिए जाकिर को 42 दिन मुजफ्फरनगर की जेल में गुजारने पड़े.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाकिर को दो अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. जाकिर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (कंप्यूटर संबंधित अपराध) की धारा 66 के तहत आरोप तय किए गए. जाकिर के वकील काजी अहमद ने बताया कि उसे 42 दिन बाद रिहा किया गया. पुलिस ने जाकिर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में राजद्रोह से संबंधित धारा 124ए भी जोड़ दी है. जाकिर और उसके वकील ने भारतीय प्रेस क्लब में मीडिया को यह बातें बताईं.
दरअसल जाकिर को भीम आर्मी डिफेंस कमेटी द्वारा दिल्ली लाया गया था. जाकिर ने बताया कि वह बीए की पढ़ाई के साथ-साथ एक स्टील फैक्ट्री में काम करता था. वह रात को एक मदरसे से जलसा देखकर घर लौटा था, तभी पुलिस ने पूछताछ का हवाला देकर उसे उठा लिया. पुलिस ने उसे कुछ घंटों में छोड़ने की बात कही थी लेकिन उसे जेल भेज दिया गया. जाकिर के खिलाफ दायर एफआईआर में उसके फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया गया है.
एफआईआर के मुताबिक, जाकिर ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि अब जब गंगा को जीवित इकाई का दर्जा दे दिया गया है तो क्या अगर किसी शख्स की उसमें डूब कर मौत होती है तो गंगा के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का कहना है कि इस पोस्ट में राम मंदिर के बारे में भी लिखा गया था. पोस्ट में लिखा गया, ‘राम मंदिर निर्माण का वादा महज मजाक है और इसे अगली बार चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए फिर से किया जाएगा, जैसा कि वे मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजने का वादा करते हैं.’