IND vs AUS 2nd T20: गुवाहाटी में जीत मिली तो टीम इंडिया के नाम दर्ज हो जाएगी ये बड़ी उपलब्धि
आज खेले जाने वाले दूसरे टी-20 मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया पर यदि जीत मिलती है तो टीम के नाम बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 14 टी20 मैचों में से 10 जीते हैं
October 10, 2017 11:52 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
गुवाहाटी: आज खेले जाने वाले दूसरे टी-20 मैच में भारत को यदि जीत मिलती है तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार चार द्विपक्षीय सीरीज जीतने की उपलब्धि अपने नाम कर लेगी. भारत ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को 2016 में टी20 सीरीज में 3-0 से, इसी साल खेले गए टेस्ट सीरीज में 2-1से और वनडे सीरीज में 4-1 से पारजित कर चुका है. भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 14 टी20 मैचों में से 10 जीते हैं, इसमें जीत लगातार भारत की झोली में आए हैं. बात दें कि भारत 28 सितंबर 2012 के बाद से ऑस्ट्रेलिया से एक भी टी20 मैच नहीं हारा है. आज का मुकाबला गुवाहाटी के बरसापारा के स्टेडियम में खेला जाएगा.
भारत और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज पर नजर डाले तो भारतीय गेंदबाज और बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का सामना नहीं कर सके हैं जिन्होंने चार वनडे और एक टी20 में मिलकर 16 विकेट लिए. ये दो खिलाड़ी ऐसे हैं जो भारत की हर जीत में अहम भूमिका निभाई है. इधर ऑस्ट्रेलियाई टीम हर मौके पर फेल साबित हुई है. ना ही उसके बल्लेबाज कुछ खास कर पाए हैं और ना ही गेंदबाजी में पहले जैसी धार देखने को मिली है. ऑस्ट्रेलिया की पूरी बल्लबेजी तीन-चार प्लेयरों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. जिसमें डेविड वार्रन, एरोन फिंच और स्टीव स्मिथ शामिल हैं, इनके अलावा कोई भी बल्लेबाजी भारत के दौरे पर कुछ खास नहीं कर सका.
ग्लेन मैक्सवेल की खराब फॉर्म ने बढ़ाई कंगारूओं की चिंता
ऑस्ट्रेलिया के आक्रामक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल पूरी सीरीज में ठीक से बैटिंग नहीं कर पाए हैं, जो कि टीम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. वनडे सीरीज में मैक्सवेल ने 39, 14, 5 रन बनाए और पहले टी20 में 17 रन के स्कोर पर आउट हो गए. ऐसे में बचे दो टी20 मैच में सबसे ज्यादा दबाव ग्लेन मैक्सवेल के उपर रहने वाला है. चोट के कारण स्वदेश वापस लौट चुके स्टीव स्मिथ की अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलिया के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है खासकर भारतीय स्पिन का सामना करना कंगारूओं के लिए आसान नहीं होगा.