Mayawati BSP Akhilesh SP Alliance Breaking: लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की सपा की मदद से यूपी में 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि चुनाव में सपा-बसपा और आरएलडी महागठबंधन कुछ फायदा नहीं मिल पाया है. सूत्रों की मानें तो पार्टी के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मायावती ने कहा है कि अखिलेश यादव वोटों का बंटवारा रोकने में नाकामयाब रहे जिससे यादव वोटर बसपा के प्रत्याशियों को ट्रांस्फर नहीं हो पाया.
लखनऊ. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में सिर्फ 15 सीट जीतने वाले मायावती की बसपा और अखिलेश यादव की सपा का महागठबंधन टूटने की कगार पर है. सूत्रों की मानें तो सूबे में होने वाले 11 सीटों पर विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले ही चुनावी ताल ठोक सकती है. प्रदेश की 10 लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने वाली बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोमवार को बीएसपी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की. मायावती ने बैठक में कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ सोच-समझकर गठबंधन किया गया था, हमें अपने फायदे और नुकसान मालूम थे लेकिन चुनाव में गठबंधन को फायदा नहीं मिला और यादव वोट बीएसपी को ट्रांस्फर नहीं हुआ.
सूत्रों की मानें तो बैठक में मुलायम सिंह यादव के भाई और प्रसपा चीफ शिवपाल सिंह यादव पर भी निशाना साधा. मायावती ने कहा कि शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं और चुनाव में उन्होंने यादव वोट को भाजपा के प्रत्याशियों को ट्रांस्फर कराने में मदद की है. वहीं मायावती ने मायावती ने आगे कहा कि अगर यादव वोट मिलते तो मुलायम सिंह यादव के परिवार के लोग नहीं हारते. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लेकर मायावती ने कहा कि वे अपनी पत्नी डिंपल यादव को भी कन्नौज सीट से चुनाव नहीं जिता पाए. बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि अखिलेश यादव चुनाव में यादव वोटरों का बंटवारा नहीं रोक पाए हैं.
क्या रहा लोकसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन का नतीजा
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी ने 62 सीटों पर धमाकेदार जीत हासिल की. जबकि बसपा को 10, सपा को 5 और कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिल पाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. साल 2014 चुनाव में बीजेपी को 73 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन उस समय बीएसपी और सपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार भाजपा के सामने महागठबंधन की चुनौती थी. हालांकि पीएम मोदी की लहर में महागठबंधन ज्यादा काम नहीं कर पाया और महज 15 सीटों पर ही सिमट गया.
क्यों और किन-किन सीटों पर होगा उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव
लखनऊ कैंट, कानपुर गोविंद नगर, टूंडला फिरोजाबाद, गंगोह, चित्रकुट के मानिकपुर, बाराबंकी जैदपुर, प्रतापगढ़, हाथरस से इगिलास, रामपुर से रामपुर सदर और अबेंडकर नगर की जलालपुर विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. इन 11 सीटों पर 8 भाजपा के कब्जे में हैं जबकि 1-1 सीट बसपा, सपा और अपना दल के पास है. उप चुनाव उन सीटों पर कराया जा रहा है जिसके विधायक लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर संसद पहुंच गए हैं. इनमें समाजवादी पार्टी के आजम खान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय का नाम भी शामिल है.