पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग SIT बनाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग SIT बनाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. काले धन मामले की जांच कर रही SIT ही पनामा पेपर्स लीक मामले की भी जांच करेगी. बता दें कि इससे पहले काले धन की जांच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार ने सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. तब कोर्ट ने कहा था की रिपोर्ट देखने के बाद वो तय करेंगे की क्या इस मामले कोई नई SIT का गठन किया जाये या नहीं.
October 9, 2017 11:30 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग SIT बनाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. काले धन मामले की जांच कर रही SIT ही पनामा पेपर्स लीक मामले की भी जांच करेगी. बता दें कि इससे पहले काले धन की जांच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार ने सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. तब कोर्ट ने कहा था की रिपोर्ट देखने के बाद वो तय करेंगे की क्या इस मामले कोई नई SIT का गठन किया जाये या नहीं.
वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में नई SIT बनाने का विरोध किया था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले की जांच मल्टी एजेंसी कर रही है. इस मल्टी एजेंसी में CBDT, RBI, ED और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस टीम है. ऐसे में कोर्ट पहले इस रिपोर्ट को देखने के बाद ही नई टीम बनाने को लेकर कोई फैसला दे. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में 424 लोगों को नोटिस जारी किया है और जवाब आ रहे हैं.
पनामा पेपर्स लीक मामले मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले की जांच के लिए एक अलग SIT बना सकते हैं. हालांकि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें पनामा पेपर्स में सामने आये विदेशों में खाता रखने वाले भारतीयों के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच कराने की मांग की गई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में ये जनहित याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है. इस नई याचिका में शर्मा ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में पिछले साल 10 नवंबर और 9 अप्रैल को भारत सरकार व राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था लेकिन उन्हें आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला. इस याचिका को दाखिल करने का नया आधार पिछले साल 3 अप्रैल को पैदा हुआ जब पनामा पेपर्स लीक प्रकरण में 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशों में खाते होने का मामला सामने आया.