मंत्री-जनप्रतिनिधि, पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकते हैं? SC की संवैधानिक पीठ करेगी तय

राइट टू स्पीच के नाम पर आपराधिक मामलों में क्या सरकार के मंत्री या जनप्रतिनिधि पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामलों को संवैधानिक पीठ के समक्ष भेजा दिया है

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मंत्री-जनप्रतिनिधि, पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकते हैं? SC की संवैधानिक पीठ करेगी तय

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  • October 5, 2017 8:25 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: राइट टू स्पीच के नाम पर आपराधिक मामलों में क्या सरकार के मंत्री या जनप्रतिनिधि पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामलों को संवैधानिक पीठ के समक्ष भेजा दिया है. दरअसल बुलंदशहर गैंग रेप मामले में आजम खान के विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इससे पहले कोर्ट से आजम ने बिना शर्त माफी मांग ली थी और कोर्ट ने माफ़ीनामे को स्वीकार भी कर लिया था लेकिन कोर्ट ने कहा था कि राइट टू स्पीच के नाम पर आपराधिक मामलों में क्या सरकार के मंत्री या जनप्रतिनिधि पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकते?

पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंत्री पद पर बैठे व्यक्ति राइट टू स्पीच के नाम पर क्या सरकार की पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान दे सकता है? सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी हरीश साल्वे ने कहा कि मिनिस्टर संविधान के प्रति जिम्मेदार हैं और वह सरकार की पॉलिसी और विधान के खिलाफ बयान नहीं दे सकते.

ये भी पढ़ें- बुलंदशहर गैंगरेप मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की बिना शर्त माफी मंजूर की

बता दें कि बुलंदशहर गैंग रेप मामले में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ने विवादास्पद बयान दिया था जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था. हालांकि बाद में आज़म खान ने अपने बयान के लिए बिना शर्त पछतावे का इजहार किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कई संवैधानिक सवाल उठाए हैं जिसको एग्जामिन किया जा रहा है.

क्या कहा था आजम खान ने ?
गौरतलब है कि बुलंदशहर गैंगरेप को आजम खान ने राजनीतिक साजिश कहा था. आजम खां ने कहा था कि यूपी में हो रही वारदातों के पीछे राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश भी हो सकती है. इस बयान पर पीड़ित के परिवार वालों ने भी अफसोस जताया था.
 
 
क्या है बुलंदशहर गैंगरेप ?
बुलंदशहर गैंगरेप इस साल जुलाई के आखिरी में हुआ था. जब एक परिवार रात को गाड़ी से नोएडा से उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर जा रहा था. बुलंदशहर में घुसते ही, उनकी कार एक छोटे एक्सीडेंट का शिकार हो गई, जैसे ही कार रुकी पांच आदमियों के झुंड ने परिवार को पास के खेत में घसीटकर उनके साथ लूटपाट और बलात्कार किया. आरोपियों ने परिवार के पुरुषों को रस्सी से बांध दिया गया और महिला और उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया था. अगली सुबह परिवार के एक सदस्य ने किसी तरह रस्सी खोली और फिर उसने मामले की रिपोर्ट पुलिस थाने में की. 

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