2 अक्टूबर: लाल बहादुर शास्त्री के ये संदेश आज भी देते हैं प्रेरणा

आज समस्त भारतवासी देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 114वीं जयंती मना रहे हैं. देश को जय जवान', जय किसान' का नारा देने वाले शास्त्री जी का पूरा जीवन ही एक प्रेरणा था.

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2 अक्टूबर: लाल बहादुर शास्त्री के ये संदेश आज भी देते हैं प्रेरणा

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  • October 2, 2017 8:00 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : आज समस्त भारतवासी देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 114वीं जयंती मना रहे हैं. देश को जय जवान’, जय किसान’ का नारा देने वाले शास्त्री जी का पूरा जीवन ही एक प्रेरणा था.  
 
शास्त्री जी की जीवनशैली जितनी साधारण और प्रभावशाली थी, उतने ही प्रभावशाली उनके विचार और संदेश भी थे. ईमानदारी और सादगी भरा जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार आज भी देश को और देश की जनता को प्रेरणा देते हैं और सही राह पर चलने की सीख देते हैं.
 
 
शास्त्री जी के ये 10 संदेश आज भी देश के लिए हैं बड़ी प्रेरणा
 
1. देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना केवल सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि ये पूरे देश का कर्तव्य है.
 
2. ‘जय जवान, जय किसान’
 
3. कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक तुम्हें ये ना पता चले कि वो दीवार खड़ी किस लिए है.
 
4. कानून का सम्मान किया जाना चाहिए, ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और मजबूत बने.
 
5. हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं.
 
6. जो शासन करता है उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंततः जनता ही मुखिया होती है.
 
7. यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
 
8. लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है.
 
9. हर काम की एक अपनी गरिमा है और हर काम को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष मिलता है.
 
10. देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है. 
 
बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 के दिन मुगलसराय में रहने वाले एक बेहद ही साधारण परिवार में हुआ था. वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे. 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक लगभग अठारह महीने तक शास्त्री जी प्रधानमंत्री रहे. 
 
11 जनवरी 1966 को भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध खत्म होने के बाद शास्त्री जी पाक सैन्य शासक जनरल अयूब खान के साथ सोवियत संघ के ताशकंद शहर में शांति समझौता करने गए थे. इसी रात देश से बाहर शास्त्री जी को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई. 

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