मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई के एलफिंस्टन हादसे का मामला कोर्ट पहुंच गया है. हादसे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि ये हादसा रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से हुआ है, लिहाजा उनके खिलाफ केस दर्ज हो. याचिका में एल्फिंस्टन ब्रिज पर मची भगदड़ की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करने की मांग की गई है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में ये जनहित याचिका दायर (PIL) प्रदीप भालेकर नाम के शख्स ने की है. भालेकर के वकील नितिन सत्पुते ने बताया कि हम शुक्रवार को पिटीशन लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि याचिका में हमने 3 अक्टूबर की तारीख लिखी है. पिटीशन में एल्फिंस्टन एफओबी पर मची भगदड़ की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करने की बात कही गई है.
याचिका में ये भी आरोप है कि एफओबी काफी संकरा था, इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. एक बार फिर सरकार और रेलवे एक्शन लेने में नाकाम रहा. रेलवे अफसरों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए. इसके अलावा रेलवे को FOB पर अवैध अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई करना चाहिए.
बता दें कि मुंबई में परेल-एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के पास बने पुल पर ज्यादा भीड़ की वजह से मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 8 महिलाएं थीं. यह घटना शुक्रवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट के करीब हुए यह हादसा हुआ. एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर तीन फुटऑवर ब्रिज हैं, जिसमें ये सौ साल से भी ज्यादा पुराना है. साल 1911 में लॉर्ड एलफिंस्टन के नाम पर ये रेलवे स्टेशन बना था. इसके दो साल बाद ही यानि 1913 में फुटओवर ब्रिज का निर्माण हुआ. अनुमान के मुताबिक इस ब्रिज से हर दिन 3 लाख से ज्यादा लोग गुजरते हैं.
ब्रिज की मियाद और लोगों की बढ़ती क्षमता देखते हुए इस रेलवे स्टेशन पर दूसरा ब्रिज बनाने की मांग की गई लेकिन ब्रिज नहीं बना, अलबत्ता रेलवे स्टेशन का नाम जरूर बदल दिया गया. इसी साल 5 जुलाई को वेस्टर्न रेलवे ने एक नोटिफिकेशन जारी कर अंग्रेजों के जमाने के इस स्टेशन का नाम प्रभादेवी कर दिया.