नवरात्रि पर दोस्तों को WhatsApp और Facebook पर ये Quotes भेजकर लिखें ‘जय माता दी’

आज नवरात्रि के पावन त्योहार का आखिरी दिन है. इस दिन नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है. डिजीटल के इस युग में आजकल लोग सोशल मीडिया पर ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं.

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नवरात्रि पर दोस्तों को WhatsApp और Facebook पर ये Quotes भेजकर लिखें ‘जय माता दी’

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  • September 29, 2017 6:11 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: आज नवरात्रि के पावन त्योहार का आखिरी दिन है. इस दिन नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है. डिजीटल के इस युग में आजकल लोग सोशल मीडिया पर ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं. 
 
यही वजह है कि हर त्योहार पर लोग सोशल नेटवर्किंग साईट्स जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर अपने फ्रेंड्स को विश करने के लिए तरह तरह के फनी Quotes यानि ग्रीटिंग्स भेजते हैं.
 
 
आज हम आपको नवरात्रि के नौ दिन पूरे होने के अवसर पर कुछ ऐसे ही Quotes बताने जा रहे हैं, जिसे आप ‘जय माता दी’ लिखते हुए अपने दोस्तों और जानने वालों को भेजकर नवरात्रि विश कर सकते हैं. ये ग्रीटिंग्स हैं. 
 
 
आज माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है. 
 
 
 
 
आज के दिन मां सिद्धिदात्री का पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से मां खुश होती हैं. आपकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं. 
 
 
सिद्धिदात्री मां के चार हाथ हैं और ये माता कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं. 
 
 
ऐसा मानना है कि जिस प्रकार मां की पूजा भैरव के बिना पूर्ण नहीं होती, उसी तरह कन्या-पूजन के समय एक बालक को भी भोजन कराना बहुत जरूरी होता है.
 
 
यदि 9 से ज्यादा कन्या भोज पर आ रही है तो कोई आपत्ति नहीं है. उनका भी उसी तरह सत्कार करें.
 
 
आप जिन-जिन कन्याओं को भोज और पूजन में शामिल करना चाहते हैं उन्हें पूजा से एक दिन पहले ही आमंत्रित कर दें क्योंकि इधर-उधर से कन्याओं को पकड़ के लाना सही नहीं होता है. 
 
 
घर में प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करें और मां दुर्गा के नौ नामों का जयकारा जरूर लगाएं.
 
 
घर आईं कन्याओं के सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना न भूले. 
 
 
सके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए. फिर इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. अंत में इन कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें. 
 
 
 

 

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