भारत पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री, बोले- भारत-US साथ मिलकर लड़ेंगे आतंकवाद से

अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत आए हुए हैं. मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. निर्मला सीतारमण खुद जेम्स मैटिस को रिसीव करने के लिए पहुंची थी. मुलाकात के बाद साझा बयान जारी करते हुए जेम्स मैटिस ने कहा कि आतंक को पनाह देने वालों को किसी भी हाल में बख्‍शा नहीं जाएगा.

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भारत पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री, बोले- भारत-US साथ मिलकर लड़ेंगे आतंकवाद से

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  • September 26, 2017 9:20 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत आए हुए हैं. मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. निर्मला सीतारमण खुद जेम्स मैटिस को रिसीव करने के लिए पहुंची थी. मुलाकात के बाद साझा बयान जारी करते हुए जेम्स मैटिस ने कहा कि आतंक को पनाह देने वालों को किसी भी हाल में बख्‍शा नहीं जाएगा.
 
भारत पहुंचने के बाद मैटिस ने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित किए. उसके बाद साउथ ब्लॉक के लॉन में सेना के तीनों अंगों की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
 
अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ यूएस से पूरा डेलिगेशन आया है. मंगलवार को दोनों देशों के डेलिगेशन के बीच दिल्ली में बातचीत हुई. जेम्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत और यूएस साथ मिलकर आतंकवाद के खात्मे पर काम कर रहे हैं.
 
मैटिस ने कहा कि दोनों देश समझते हैं कि दुनियाभर में आतंकवाद तेजी से फैल रहा है. जेम्स ने भारत द्वारा अफगानिस्तान को दी जा रही मदद की तारीफ की. जेम्स ने कहा कि भारत की वजह से अफगानिस्तान में लोकतंत्र को बढ़ावा मिल रहा है.
 
 
बता दें कि रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के बीच कई बड़े हथियारों की डील हो सकती है. भारत यूएस से फाइटर जेट और ड्रोन खरीदने पर भी विचार कर रहा है.
 
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के यूएस का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार कोई अमेरिकी कैबिनेट का मंत्री भारत आया है. सूत्रों की मानें तो जेम्स मैटिस के इस भारत दौरे में दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को बढ़ाने, अफगानिस्तान में बढ़े सामरिक सहयोग प्रदर्शित करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा एवं कानून के शासन को मजबूत करने के लिए नई संस्थागत प्रणालियां विकसित करने पर चर्चा हो सकती है.

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