चीनी सेना के पास हैं ये घातक हथियार, जानें कहां ठहरता है भारत

चीन की बढ़ती ताकत हर देश के माथे पर बल पैदा कर रहीं हैं. चीन अमेरिका से बराबरी करने के लिए हर संभव कोशिश करता है तो दूसरी ओर पड़ोसी देशों, भारत, पाकिस्तान, वियतनाम, जापान, फिलीपींस, ताइवान को दबाकर रखना चाहता है. आखिर किस ताकत के बल पर चीन दुनिया में राज करने का ख्वाब देख रहा है. तो आइए जानते हैं, चीन की सैन्य ताकत के बारे में और भारत कहां ठहरता है इसके आगे.

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चीनी सेना के पास हैं ये घातक हथियार, जानें कहां ठहरता है भारत

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  • September 26, 2017 5:09 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः चीन की बढ़ती ताकत हर देश के माथे पर बल पैदा कर रहीं हैं. चीन अमेरिका से बराबरी करने के लिए हर संभव कोशिश करता है तो दूसरी ओर पड़ोसी देशों, भारत, पाकिस्तान, वियतनाम, जापान, फिलीपींस, ताइवान को दबाकर रखना चाहता है. आखिर किस ताकत के बल पर चीन दुनिया में राज करने का ख्वाब देख रहा है. तो आइए जानते हैं, चीन की सैन्य ताकत के बारे में और भारत कहां ठहरता है इसके आगे.
 
चीनी सेना की नई इकाई का नाम ‘रॉकेट फोर्स’ है. नौसेना की परमाणु पनडुब्बी और वायुसेना के बम बरसाने वाले विमानों को शामिल करने के बाद पीएलए रॉकेट फोर्स जल, थल और वायु सैन्य बलों की क्षमता वाली पहली स्वतंत्र इकाई है, जो अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस से ज्यादा एकीकृत है. इतना ही नहीं, चीन के पास मिसाइलों का जखीरा मौजूद है. ये मिसाइलें हैं उनकी ताकत.
 
1- डीएफ-5बी मिसाइल- द्रवीय ईंधन से चलने वाली यह अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल तीन से अधिक परमाणु हथियार लेकर 15 हजार किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है. इसे दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में गिना जाता है.
 
2- डीएफ-21डी मिसाइल- यह बैलेस्टिक मिसाइल युद्धपोतों को नष्ट करने की क्षमता रखती है. डीएफ-21डी मिसाइल 1,450 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है.
 
3- डीएफ-26 मिसाइल- 4000 किलोमीटर दूर तक हमला करने वाली इस मिसाइल को ‘गुआम किलर’ कहा जाता है. क्योंकि गुआम में स्थित अमेरिकी नौसैनिक बेड़ा इसके दायरे में है.
 
4- एचक्यू-10/एफएल-3000एन मिसाइल- कम दूरी की हवाई सुरक्षा के लिए बनी यह मिसाइल नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देती है. इस मिसाइल को नौसेना के सबसे विकसित टाइप 052डी डिस्ट्रॉयर्स और टाइप 056 फ्रिगेट्स पर तैनात किया गया है.
 
 
इसके अलावा चीन के पास डब्ल्यूजेड-19 सशस्त्र हेलीकॉप्टर हैं. यह हेलीकॉप्टर लोहे के मजबूत टैंक को भी पल भर में नेस्तनाबूद कर सकता है. डब्ल्यूजेड-19 4,500 किलोग्राम वजन लेकर 245 किमी/घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. एक बार ईंधन भरने के बाद दोबारा बिना ईंधन भरे यह तीन घंटे तक लगातार उड़ान भरने की क्षमता रखता है.
 
चीन के पास एच-6के स्ट्रेटेजिक बमवर्षक भी हैं. यह युद्धक चीन को लंबे युद्ध में जोरदार क्षमता प्रदान करता है. यह परमाणु हमला भी कर सकता है. चीन के पास चौथी पीढ़ी की आधुनिक लड़ाकू विमानों की संख्या 747 से कहीं अधिक है. जबकि भारत के पास ये संख्या सिर्फ 280 ही है.
 
चीन के अन्य खास हथियारों में जेडटीजेड-99ए टैंक हैं, जिसमें 125 एमएम स्मूथबोर तोप और ऑटोलोडर लगे हैं. यह वाहन 42 राउंड गोला एक बार में ढो सकता है. यह टैंक एक मिनट में आठ गोले दाग सकता है. अगर मैनुअली लोड किया जाए, तो एक मिनट में यह दो गोले दाग सकता है.
 
जेडटीएल-09 टैंक, थल युद्ध की स्थिति में 105 एमएम तोप से लैस वाहन दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर सशस्त्र निशानों पर अचूक हमला कर सकता है. इसे चीन में ही विकसित किया गया है.
 
 
चीन के अन्य हथियारों में जेडबीडी-04 टैंक को युद्ध क्षेत्र में सेना को सुरक्षित मदद और यातायात पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है. गौरतलब है कि चीन के पास 2800 टैंक हैं, जो किसी भी युद्ध की स्थिति में कहीं से भी जमीनी कार्रवाई कर किसी भी देश को तबाह करने की ताकत रखते हैं. इसकी तुलना में भारत के पास सिर्फ 568 युद्धक टैंक ही हैं.
 
अगर सैनिकों की बात की जाए तो चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. चीन के पास 22 लाख 85 हजार सशस्त्र सैनिक हैं, तो 5 लाख 10 हजार रिजर्व सैनिक भी हैं. यही नहीं अर्धसैनिक बलों के रूप में चीन के पास 6 लाख 60 हजार सैनिक हैं. जबकि इसकी तुलना में भारत के पास करीब 12 लाख सैनिक ही हैं.
 
भारत और चीन की सेनाओं की तुलना के बीच हमें इस इस सच्चाई को मानना होगा कि चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना है. साल 2017 में चीन ने अपने रक्षा बजट में 152 बिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, वहीं भारत का रक्षा बजट 53.5 बिलियन डॉलर का है. यह भी सच है कि सैनिकों की संख्या हो, लड़ाकू विमानों, मिसाइलों की संख्या हो या फिर टैंकों की संख्या, इस मामले में चीन भारत से कहीं आगे है.

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