Uttar Pradesh BJP Vote Share Lok Sabha Seats 2019: लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर उत्तर प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन करने जा रही है. मोदी लहर मे यूपी का सपा बसपा आरएलडी महागठबंधन फेल होता नजर आ रहा है. 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले यूपी में इस चुनाव में बीजेपी को यूपी मे करीब 15 फीसदी वोट ज्यादा वोट मिले हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लोकसभा चुनाव परिणाम के रूझानों से साफ जाहिर हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, मायावती और अजित सिंह की पार्टी सीट को तरस रही हैं और उनका जातीय समीकरण नाकाम होता जा रहा है.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम के शुरुआती रूझान आ चुके हैं. चुनावी रूझानों के बाद साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ बने सपा बसपा आरएलडी महागठबंधन पूरी तरह नाकाम रहा है. समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और राष्ट्रीय लोकदल का जातीय समीकरण पूरी तरह फेल रहा. अब तक के चुनावी रूझानों के मुताबिक यूपी में बीजेपी को करीब 58 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं अब तक यूपी में सपा बसपा आरएलडी महागठबंधन सिर्फ 38 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाया है. वोट शेयर के मामले में इसे भारतीय जनता पार्टी की पिछले चुनाव के मुकाबले और भी बड़ी जीत बताया जा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटें जीती थी और पार्टी को यूपी में 42.30 प्रतिशत वोट मिले थे. हालांकि शुरुआती रूझानों के मुताबिक बीजेपी 2014 के मुकाबले कम सीटों पर बढ़त में है लेकिन वोट शेयर के मामले में रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ों से आगे है.
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और यूपी की 71 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 403 में से 325 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को रिकॉर्ड तोड़ 41.38 प्रतिशत वोट मिले थे. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने प्रदर्शन को और जबरदस्त बनाते हुए. वोट शेयर के मामले में बढ़त बनाए हुए है. अभी यूपी की सभी लोकसभा सीटों पर मतगणना जारी है. ये आंकड़े सिर्फ नतीजों के रूझानों पर आधारित है. काउंटिंग पूरी होने के बाद साफ हो जाएगा कि बीजेपी को कितने प्रतिशत वोट मिलते हैं.
लोकसभा चुनाव 2019: यूपी में सपा बसपा आरएलडी महागठबंधन का जातीय समीकरण फेल-
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियां सपा और बसपा ने नरेंद्र मोदी की बीजेपी को हराने के लिए हाथ मिलाया और महागठबंधन बनाया. अजित सिंह की आरएलडी ने भी अखिलेश यादव और मायावती से हाथ मिलाया. यादव और मुस्लिम वोटर सपा का कैडर वोट माना जाता है. वहीं बसपा पिछड़ी जातियों की राजनीति करती है. ऐसे में सपा बसपा और आरएलडी के साथ आने से यूपी में यह गठबंधन काफी मजबूत माना जा रहा था.
इस गठबंधन में पहले कांग्रेस के भी शामिल होने की संभावना थी लेकिन सीटों को लेकर बात नहीं बनने पर कांग्रेस ने यूपी में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और उसकी हालत भी 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह ही हो गई है. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के रूझान के बाद साफ हो गया है कि यूपी में अखिलेश, मायावती और अजित सिंह की पार्टियों का साथ भी नरेंद्र मोदी लहर के सामने नहीं टिक पाया और बीजेपी एक बार फिर यूपी से बड़ी जीत हासिल करके केंद्र में एनडीए की सरकार बनाने जा रही है.