कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट के मोहर्रम के दिन मूर्ति विसर्जन के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कोई मेरा गला काट सकता है लेकिन मुझे ये नहीं कह सकता कि मुझे क्या करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं वहीं करूंगी जो राज्य में शांति बहाली के लिेए जरूरी होगा.
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार के उस फैसले को पलटते हुए आदेश दिया था कि मोहर्रम के दिन ही दुर्गा विसर्जन होगा. कोर्ट ने ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल उठाया था कि राज्य सरकार ने दोनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया? कोर्ट ने कहा था कि बलपूर्वक आस्था पर रोक नहीं लगाई जा सकती. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि आप राज्य हैं इसलिए मनमाने ढंग से कोई भी आदेश पारित कर सकते हैं?
हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या आप ये भी नहीं समझते कि नियमन और निषेध में क्या फर्क होता है? कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप बिना किसी आधार के अपनी सुप्रीम पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कोर्ट ने मोहर्रम के दिन मूर्ति विसर्जन ना करने के सरकार के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आपको कोई सपना आया है कि कुछ गलत हो जाएगा तो आप इसे रोकने के लिेए प्रबंध करें.