Lok Sabha elections Exit Poll 2019: लोकसभा चुनाव 2019 सात चरणों में हुआ है जिसमें अंतिम चरण की वोटिंग आज यानि रविवार 19 मई को हो रही है. देश में एक बार फिर से एनडीए और यूपीए के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही हैं, जहां एनडीए की बड़ी पार्टी बीजेपी हैं तो वहीं यूपीए की बड़ी पार्टी कांग्रेस है. इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश (यूपी) में हुए सपा,बसपा और लोकदल के महागठबंधन से बड़ी टक्कर मिल रही है.
नई दिल्ली. Lok Sabha elections Exit Poll 2019: देश में लोकसभा चुनाव 2019 की शुरुआत 11 अप्रैल से हुई. यह आम चुनाव 7 चरणों में पूरा हुआ. जिसका परिणाम 23 मई को आएगा. आज यानि 19 अप्रैल को वोटिंग का आखिरी चरण है और इसके बाद सभी लोग कयास लगाने में जुट गए हैं कि किस पार्टी की सरकार बनेगी. साथ ही कोई सी पार्टी सत्ता पर काबिज होगी. साथ ही आज से एग्जिट पोल दिखाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
लेकिन शुरूआत में एग्जिट पोल का इस्तेमाल मीडिया के लोग विभिन्न मुद्दों पर जनता के अंदर की बात जानने के लिए इस्तेमाल करते थे. एग्जिट पोल को स्टार्ट करने का क्रेडिट श्रेय जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन को जाता है. सबसे पहले जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने सरकार के कामकाज पर अमेरेका के लोग क्या सोचते हैं पता लगाने की कोशिश की थी. सबसे दिलचस्प बात ये सामने आई कि सैंपल और परिणाम में अधिक अंतर नहीं पाया गया.
उस वक्त उनका वह तरीका काफी लोकप्रिय और कारगर साबित हुआ. इसके देखते हुए इसे ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इसे अपनाने का फैसला किया. ऐसा माना जा सकता है कि यह एक तरीके से पहला एग्जिट पोल था. जिसे ब्रिटेन और फ्रांस ने पहली बार 1937 और 1938 में अपनाया था. उस वक्त सामने आए चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल से काफी मिलते जुलते निकले.
हालांकि मूल रूप से एग्जिट पोल को स्टार्ट करने का क्रेडिट नीदरलैंड के सोशियोलॉजिस्ट मार्सेल वॉन को जाता है. मार्सेल ने पहली बार 15 फरवरी, 1967 को इसका प्रयोग डच विधानसभा चुनाव में किया था. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट यूएस जनमत सर्वेक्षक वेरिन मिटोफस्की को एग्जिट पोल का जनक मानते हैं.
भारत में एग्जिट पोल शुरुआत में इंडिया टुडे मैगजीन में प्रमुखता से छपते थे. वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के साथ नए आयाम जुड़ गए, जब दूरदर्शन ने 1996 में सीएसडीएस को देश भर में एग्जिट पोल की अनुमति दे दी.