नई दिल्ली: जनवरी जैसी ही तलवारें खिचने वाली थी एक बार फिर कोलकाता में, जब मोहन भागवत की रैली के लिए ममता सरकार ने परमीशन देने से इनकार कर दिया था और संघ ने ये रैली फिर हाईकोर्ट की परमीशन से की थी.
इस बार भी सिस्टर निवेदिता ट्रस्ट के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत को जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर प्रदेश सरकार की एक संस्था के ऑडीटोरियम प्रबंधन ने ऑडीटोरियम देने से साफ मना कर दिया. लेकिन न तो संघ प्रमुख ने और ना ही सिस्टर निवेदिता ट्रस्ट ने इस कार्यक्रम को रद्द किया और अब तय हुआ है कि कार्य़क्रम तो तय तारीख यानी 3 अक्टूबर को ही और कोलकाता में ही होगा लेकिन नई जगह पर होगा.
अब जो जगह ढूंढी गई है, वो है साइंस सिटी का ऑडीटोरियरम।.साइंस सिटी के ऑडीटोरियम केन्द्र सरकार के तहत हैं और इसके लिए प्रदेश सरकार से परमीशन की जरूरत भी नहीं. दूसरे इस ऑडीटोरियम की क्षमता पहले वाले ऑडीटोरियम से डेढ़ गुनी है. उसकी क्षमता केवल 1400 लोगों की थी, नए वाले की 2232 है। भागवत तीन को ही आएंगे और कार्य़क्रम कर के निकल जाएंगे.
दरअसल मोहन भागवत को तीन अक्टूबर के सिस्टर निवेदिता ट्रस्ट में एक भाषण देना है, विषय है- विवेकानंद की शिष्या निवेदिता का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान. कहा जाता है कि निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के बाद कोलकाता के क्रांतिकारी युवाओं को काफी मदद की थी.
ल़ॉर्ड कर्जन का खुलकर विरोध किया था और भारत के लिए पहला झंडा भी डिजाइन किया था. लेकिन ऐन वक्त पर जिस महाजाती सदन में कार्यक्रम होना था, उसने ये कहकर मना कर दिया था कि सदन में 26 सितम्बर से 6 अक्टूबर तक कुछ मरम्मत का काम होना है, इसलिए बंद रहेगा.