100 करोड़ की संपत्ति और 3 साल की बेटी को छोड़ जैन दंपति 22 अगस्त को बनेंगे साधु-साध्वी

मध्य प्रदेश के रहने वाले जैन कपल ने आज के समय में कुछ कर दिया जिसे जानकर आपका दिमाग न घूम जाए तो फिर कहना. इस कपल ने अपनी 100 करोड़ की संपत्ति और तीन साल की बेटी को छोड़कर साधु-साध्वी बनने का फैसला कर लिया है.

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100 करोड़ की संपत्ति और 3 साल की बेटी को छोड़ जैन दंपति 22 अगस्त को बनेंगे साधु-साध्वी

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  • September 16, 2017 12:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

भोपाल: मध्य प्रदेश के रहने वाले जैन कपल ने आज के समय में कुछ ऐसा कर दिया जिसे जानकर आपका दिमाग न घूम जाए तो फिर कहना. इस कपल ने अपनी 100 करोड़ की संपत्ति और तीन साल की बेटी को छोड़कर साधु-साध्वी बनने का फैसला कर लिया है. 

एक अंग्रेजी पॉर्टल में छपे खबर के मुताबिक सुमित राठोड़ और उनकी पत्नी अनामिका ने जैन की दीक्षा का फैसला लिया है. दोनों 22 सितंबर 2017 को गुजरात के सूरत में सुधामार्गी जैन आचार्य रामलाल महाराज के सामने दीक्षा लेंगे. बता दें कि ये संयासी बनने का पहला स्टेप होता है.
 
दोनों का ये फैसला आग की तरह पूरे शहर में फैल गई, क्योंकि भोपाल के नोर्थ-वेस्ट के 400 किलोमीटर तक इनकी फैमिली का बिजनेस फैला हुआ है. दोनों का फैसला सुनकर परिवार वाले काफी हैरान थे. दोनों के परिवार की राजनीति और बिजनेस में अच्छी पकड़ है. सभी के दिमाग में सवाल था कि उनकी बेटी इभाया का क्या होगा ?
 
अब अनामिका के पिता अशोक शांडिल्य ने बच्ची को संभालने का फैसला किया है. वह नीमच के भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं.
 
अनामिका के पिता के मुताबिक दोनों के फैसले को जानकर इन्हें मनाने की कोशिश की भी नहीं की गई क्योंकि भगवान की मर्जी के खिलाफ हम क्या बोल सकते हैं. वहीं सुमित के पिता ने कहा कि हमें ये अंदाजा हो गया था कि ऐसा कुछ होने वाला है लेकिन इतनी जल्दी इस बात का कोई अंदाजा नहीं था.
 
 
पहले सुमित ने यह फैसला लिया था लेकिन फिर जब उन्होंने अनामिका को यह बात बताई तो उन्होंने भी संन्यासी बनने का फैसला कर लिया. सुमित ने तो इभाया के आठ महीने की होने पर भी यह निर्णय कर लिया था कि वह संन्यासी बनेंगे.
 
 
बता दें कि अनामिका को आठवीं क्लास की बोर्ड की परीक्षा में टॉप करने पर गोल्ड मेडल मिल चुका है. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वहीं सुमित लंदन से पढ़ाई करके आए हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि कोई युवा शादीशुदा जोड़ा अपने छोटे से बच्चे को को छोड़ दीक्षा लेने का फैसला कर चुका है.

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