Indira Ekadashi 2017: पितरों को मोक्ष दिलवाने के लिए किया जाता है ये व्रत, जानें विधि

अश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस माह की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. इंदिरा एकादशी पर शालीग्राम भगवान की पूजा की जाती है. इंदिरा एकादशी व्रत का हिंदू परंपरा में खास महत्व होता है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और पुण्य मिलता है.

Advertisement
Indira Ekadashi 2017: पितरों को मोक्ष दिलवाने के लिए किया जाता है ये व्रत, जानें विधि

Admin

  • September 15, 2017 11:16 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस माह की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. इंदिरा एकादशी पर शालीग्राम भगवान की पूजा की जाती है. इंदिरा एकादशी व्रत का हिंदू परंपरा में खास महत्व होता है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और पुण्य मिलता है. 
 
बताया जाता है कि इस व्रत को करने से पितरों को मोक्ष मिलता है. सीधे कहें तो ये व्रत पितरों के लिए किया जाता है. इस बार इंदिरा एकादशी 16 सितंबर को मनाई जाएगी. इसीलिए इस व्रत को करने की विधि को जान लें. इस व्रत को करने के लिए इंदिरा एकादशी की कथा सुनने की प्रथा है.
 
 
इंदिरा एकादशी की ऐसे करें पूजा
व्रत को करने के लिए सुबह स्नान कर पूरी विधि पूर्वक पूजा करें. और इस व्रत में दिन में व्रत कथा पढ़ी जाती है.  और पूजा पूरी हो जाने के बाद  ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इसके बाद गाय, कौए को आहार दें.
 
इंदिरा एकादशी व्रत कथा 
सतयुग के समय महिष्मति नाम की नगरी में एक इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा के में रहता था. राजा इंद्रसेन भगवान विष्णु का भक्त था. एक बार की बात है. राजा अपनी सभा के साथ बैठे थे. उसी समय महर्षि नारायण उनकी सभा में उतर कर आए. वैसे ही राजा ने महर्षि नारायण का पूजन करने लगे. तभी राजा से नारायण से पूजा और बताइए यहां आने का कराण क्या है. तब नारद जी ने कहा कि आप चकित न हो. 
 
 
नारद जी ने बताया कि श्रद्धापूर्वक यमराज से पूजित होकर मैंने सत्यवान धर्मराज की प्रशंसा की. वहीं मैंने महान ज्ञानी और धर्मात्मा तुम्हारे पिता को एकादशी का व्रत भंग होने के कारण देखा. उन्होंने संदेशा दिया. वहीं तुम्हें बतलाता हूं.
 
इसलिए हे पुत्र इंद्रसेन ने यदि तुम आश्विन कृष्ण इंदिरा एकादशी का व्रत मेरे निमित्त करो तो मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है. नारदजी की बात सुनकर राजा ने अपने बांधवों तथा दासों सहित व्रत किया, जिसके पुण्य प्रभाव से राजा के पिता गरुड़ पर चढ़कर विष्णुलोक को गए. राजा इंद्रसेन भी एकादशी के व्रत के से सभी कष्टों से दूर हो गए. इसीलिए व्रत को करने से पितरों को मोक्ष मिलता है. 

Tags

Advertisement