गुड़गांव पुलिस और SIT ने रेयान स्कूल के करीब 20 टीचर्स को पूछताछ के लिए बुलाया था. ये सभी टीचर्स स्कूल पहुंचे जहां उन सभी से पूछताछ की गई. पुलिस ये जानना चाहती थी कि जब प्रद्युम्न का मर्डर हुआ तब कौन सा टीचर कहा था और उसने क्या-क्या देखा या सुना?
नई दिल्ली: गुड़गांव पुलिस और SIT ने रेयान स्कूल के करीब 20 टीचर्स को पूछताछ के लिए बुलाया था. ये सभी टीचर्स स्कूल पहुंचे जहां उन सभी से पूछताछ की गई. पुलिस ये जानना चाहती थी कि जब प्रद्युम्न का मर्डर हुआ तब कौन सा टीचर कहा था और उसने क्या-क्या देखा या सुना?
पूछताछ के बाद पुलिस ने टीचर्स को जाने दिया लेकिन उनके चेहरे पर दहशत थी. स्कूल के बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. और अब आपको सुनाते हैं उस चश्मदीद का बयान जिसने हमले के फौरन बाद प्रद्युम्न को देखा था.
ये चश्मदीद प्रद्युम्न के क्लास को सुपरवाइज कर रही अंजू मैडम हैं जिन्होंने प्रद्युम्न को अस्पताल पहुंचाया था. आपने टीचर की गवाही सुनी, प्रद्युम्न की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है. जिसके मुताबिक चाकू से ही प्रद्युम्न की गला काट कर हत्या की गई. लेकिन खूनी चाकू को लेकर कंडक्टर का झूठ एक बार फिर बेनकाब हुआ है.
बस ड्राइवर ने पुलिस और आरोपी की थ्योरी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. पुलिस की थ्योरी के मुताबिक इसी चाकू से सात साल के मासूम प्रद्युम्न की हत्या की गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने भी इस बात की तस्दीक की है कि प्रद्युम्न के गले को चाकू से काटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
कंडक्टर अशोक के कबूलनामे के मुताबिक उसने इसी चाकू से गला रेत कर प्रद्युम्न को मार डाला गया. खूनी चाकू को लेकर कंडक्टर ने जो कहानी सुनाई, उससे बिल्कुल उलट कहानी उस ड्राइवर ने सुनाई है. जिसके साथ कंडक्टर अशोक काम करता था.
कंडक्टर ने गुनाह कबूल करने के तुरंत बाद कहा था कि वो बस से चाकू लेकर आया था और उसे साफ करने के लिए बाथरूम में गया था. जबकि बस ड्राइवर ने इंडिया न्यूज़ से साफ-साफ कहा कि बस के टूलबॉक्स में कोई चाकू था ही नहीं.