नई दिल्ली. मासूम प्रद्युम्न की हत्या के बाद से गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल का मामला अभी थमा भी नहीं था कि मुंबई के रेयान इंटरनेशनल स्कूल पर एक बड़ा आरोप लगा है. एक अभिभावक ने मुंबई के रेयान स्कूल पर ये आरोप लगाया है कि उन्हें प्रिसिंपल ने कहा था कि खून बेचकर स्कूल की फीस भरो नहीं तो वे बच्चे को निकाल देंगे.
एक बच्चे के पिता गणपति झा ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि स्कूल के प्रिंसिबल शशि चौहान ने उनसे कहा कि तुम मुझे खून दो तो तु्म्हारे बच्चे को परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. बता दें कि प्रद्युम्न की हत्या में रेयान स्कूल की संलिप्तता पर भी संदेह जताए जा रहे हैं.
पिता गणपति झा ने आरोप लगाया है कि उनके तीन बच्चे मुंबई के कांदीवली स्थित रेयान स्कूल मुख्यालय में पढ़ा करते थे. वे किसी तरह अपने बच्चे को यहां पढ़ाया करते थे, मगर गरीबी के कारण ये जब स्कूल की फीस नहीं भर पाए तो 9वीं कक्षा में इनके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया.
पेशे से रिक्शा ड्राइवर गणपति झा ने ये भी आरोप लगाया है कि फीस सही समय पर न जमा करने की वजह से उनके बच्चे को परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. वे स्कूल से काफी मिन्नतें करते रहे कि ऐसा मत करो कि बच्चे का साल और भविष्य दोनों बर्बाद हो जाएगा, मगर स्कूल के प्रिंसिपल ने एक न सुनी.
गणपति झा ने जब प्रिंसिपल और स्कूल प्रंबंधन से गुहार लगाई तो स्कूल के प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि घर में जितने भी सदस्य हैं सभी खून दें, जिसे प्रिंसिपल बेचने का उपाय करेंगे और उससे जो 15-16 हजार रुपये होंगे उससे स्कूल का फीस भर दिया जाएगा.
थक हार कर गणपति झा ने राज्य के शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास गुहार लगाई. मगर उनके आदेश के बावजूद भी रेयान प्रबंधन ने एक न सुनी. इतना ही नहीं, रेयान स्कूल के सीईओ रेयान पिंटो ने ये गणपति झा को ये तक कह डाला कि तुम जिसके पास जाकर और लेटर लेकर आए उनसे तो मैं रोज अपने जुते साफ करवाता हूं.
गणपति झा के मुताबिक, रेयान पिंटो ने उनसे कहा कि ऐसे लोगों के लेटर का कोई मतलब नहीं है उनके लिए. आखिरकार गणपति झा के बच्चे को निकाल दिया गया और आज तक इनके बच्चे का लीविंग सर्टिफ़िकेट भी नहीं दिया. पिछले एक साल से इनका बच्चा घर बैठा है.
बता दें कि गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पिछले दिनों 7 साल के प्रद्युम्न की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से देश में गुस्सा का माहौल है. इस मामले में स्कूल को भी संदेह की नजर से देखा जा रहा है. इस मामले की सीबीआई की जांच के लिए मृतक का परिवार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुका है.