Birha Samrat Heeralal Yadav: नहीं रहे भोजपुरी ‘बिरहा सम्राट’ हीरा लाल यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

Birha Samrat Heeralal Yadav: बनारस के प्रख्यात लोकगायक और बिरहा गायकी को जन-जन तक पहुंचाने वाले पद्मश्री हीरालाल यादव ने रविवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. 86 साल के हीरालाल यादव पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे.

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Birha Samrat Heeralal Yadav: नहीं रहे भोजपुरी ‘बिरहा सम्राट’ हीरा लाल यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

Aanchal Pandey

  • May 12, 2019 2:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

वाराणसी. बनारस के प्रख्यात लोकगायक और बिरहा गायकी को जन-जन तक पहुंचाने वाले पद्म श्री हीरालाल यादव ने रविवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. 86 साल के हीरालाल यादव पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. वाराणसी के भोजूबीर स्थित एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. शनिवार देर रात हीरा लाल यादव को चौकाघाट स्थित आवास पर लाया गया. यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर हीरालाल यादव जी के निधन पर अफसोस जताया है.

यश भारती, पद्म श्री सहित कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हीरा लाल यादव बिरहा गायकी के शीर्ष पुरुष थे. लोक गायकी के क्षेत्र में हीरा लाल यादव पिछले सात दशक से एक जाना-माना नाम थे. उनके निधन की खबर से पूरे कला क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है. इसी साल गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री मिलने की घोषणा हुई थी. 16 मार्च को राष्ट्रपति भवन में महामहिम रामनाथ कोविंद ने पद्म श्री प्रदान किया था. हीरा लाल यादव पद्म श्री पुरस्कार पाने वाले पहले बिरहा गायक थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ” पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वाराणसी के बिरहा गायक श्री हीरालाल यादव जी के निधन की खबर से अत्यंत दुख हुआ. दो दिन पहले ही बातचीत कर उनका हालचाल जाना था. उनका निधन लोकगायकी के क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके प्रशंसकों और परिवार के साथ है.”

 

बिरहा: दुख को गीत बनाने की अदभुत कला
बिरहा गायकी पूर्वांचल क्षेत्र में बहुत पहले से चलन में है. बताया जाता है कि 19 वीं सदी की शुरूआत में जब काफी संख्या में लोग अपने गांवों से मजदूरी करने शहरों में गए तो देर शाम वो अपने गांव-घर को याद करते हुए गीत गाते थे. छोटे-छोटे समूह में अपने दुख को ऊंचे स्वर में गीत बनाने से इस कला का जन्म हुआ. इस गीत में आखिरी शब्द को बहुत खींचकर गाया जाता है. बिरहा मजदूरों, दूध बेचने वाले, लकड़हारों, चरवाहों, इक्का, ठेला वालों सहित सभी कामगार तबके में लोकप्रिय रहा है. हीरा लाल यादव और बुल्लू यादव की जोड़ी जब मंच पर बिरहा गाने उतरती तो लोग दीवाने हो जाते थे. बुल्लू और हीरा की जोड़ी बिरहा सोने वाले लोगों की आंखों का तारा थे. बिरहा गायक बुल्लू यादव का निधन पहले ही हो चुका है. अब उनके जोड़ीदार और बिरहा सम्राट कहे जाने वाले हीरा लाल यादव ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. बिरहा पूर्वांचल, बिहार, मॉरिशस, मेडागास्कर और आस-पास के भोजपुरी क्षेत्रों में लोकप्रिय है. बिरहा सम्राट हीरा लाल यादव को हमारी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि.

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