Yashwant Sinha On PM Narendra Modi: लोकसभा चुनाव 2019 चल रहे हैं और एक के बाद एक पुराने मुद्दे उठ रहे हैं. इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने दावा किया है कि साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बर्खास्त करना चाहते थे, लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. यशवंत सिन्हा के इस दावे के बाद राजनीति गरमा गई है. यशवंत सिन्हा तत्कालीन अटल सरकार में मंत्री थे.
भोपाल. Yashwant Sinha On PM Narendra Modi: लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के दौरान राजनीति के गड़े मुद्दे फिर से जिंदा किए जा रहे हैं. बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की हालिया नीतियों की लगातार आलोचना करने वाले दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा ने दावा किया है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बर्खास्त करना चाहते थे, लेकिन इससे नाराज होकर उस समय बीजेपी के नंबर दो रैंक के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली, जिसकी वजह से नरेंद्र मोदी की बर्खास्तगी रुक गई थी.
शुक्रवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान यशवंत सिन्हा ने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा- यह बिल्कुल सही है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के बाद एक तरह से तय कर लिया था कि वह तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी का इस्तीफा लेंगे, लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि साल 2002 में गोवा में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी जी मन बना कर गए थे कि अगर नरेंद्र मोदी इस्तीफा नहीं देंगे तो वह उनको बर्खास्त कर देंगे. बीजेपी की बैटक में इस मसले पर चर्चा भी हुई, लेकि आडवाणी जी ने इसका विरोध किया और अटल जी से कहा कि यदि मोदी को आप बर्खास्त करेंगे तो मैं केंद्रीय गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.
यशवंत सिन्हा के इस दावे के बाद लाल कृष्ण आडवाणी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि राजनीतिक हलकों में ये चर्चा तो पहले भी चलती रही हैं कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. अटल बिहारी वाजपेयी कई मौकों पर नरेंद्र मोगी के खिलाफ अपनी नाराजगी भी जाहिर करते थे.
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गड़ मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं. जहां बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1984 के सिख दंगे, लक्षद्वीप में छुट्टी मनाने के दौरान नौसेना युद्धपोत आईएनएस विराट के कथित दुरुपयोग समेत अन्य मुद्दों को लेकर हमलावर हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी हर नागरिक के अकाउंट में 15 लाख डालने, बेरोजगारी, गरीबी समेत अन्य मुद्दों को लेकर हमलावर हैं.