नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चला डोकलाम विवाद अब खत्म हो चुका है. लेकिन इस बारे में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. चीन में मौजूद भारत के राजदूत विजय गोखले का कहना है कि चीन खुद डोकलाम विवाद से अपने जान छुटाना चाहता था.
गोखले ने बताया कि डोकलाम पर चीन अधिकारियों के साथ रात को 2 बजे चर्चा शुरू हुई जो तीन घंटे तक चली. इस चर्चा में दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बनीं, जो दो पड़ोसी मुल्कों के साथ एक नई शुरूआत जैसा प्रतित हो रहा था. इस बातचीत का ही नतीजा था कि युद्ध को आतुर चीन ने डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया.
बैठक के अगले दिन दोनों देश की सरकार ने डोकलाम विवाद को हल करने की घोषणा की. यह घोषणा इस बात का सबूत थी कि दोनों देशों ने न केवल एक बेहद संवेदनशील मामले को हल कर लिया, बल्कि दोनों देशों के बीच समझ का भी एक बेहतरीन उदाहरण बना.
बीते गुरुवार को चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी ने गोखले की बात पर मुहर लगाते हुए करीब-करीब यही बातें दोहराईं. जब उन्होंने पेइचिंग में पत्रकारों से कहा कि शी और मोदी BRICS समिट से इतर ‘सफल’ द्विपक्षीय बातचीत में स्वस्थ और स्थायी विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर तनातनी को टालने पर सहमत हुए.