नई दिल्ली. सीनियर पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद एक ट्विटर यूजर को फॉलो करने को लेकर ट्रोल्स की ओर से पीएम मोदी की आलोचना हो रही है. गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया दो खेमे में बंट चुका है. नरेंद्र मोदी की आलोचना इसलिए की जा रही है क्योंकि जिस शख्स ने गौरी की हत्या को जायज ठहराकर उन्हें गाली दी थी, उसके फॉलोअर्स की लिस्ट में पीएम मोदी भी शामिल हैं.
इसलिए पीएम मोदी की सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना के बीच भारतीय जनता पार्टी ने सफाई दी है. बीजेपी पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगर पीएम मोदी किसी को फॉलो करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो किसी को कैरेक्टर सर्टिफिकेट दे रहे हैं.
ट्विटर पर किसी को प्रधानमंत्री द्वारा फॉलो करने पर विवाद खड़ा करना शरारतपूर्ण और दूषित है. पीएम मोदी अकेले ऐसे नेता हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों से खुले तौर पर संवाद करते हैं. वो आम लोगों को फॉलो करते हैं और अक्सर कई मुद्दों पर उनसे चर्चा भी करते हैं. वो एक ऐसे कुछ नेताओं में शामिल हैं, जो असल में अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करते हैं और उन्होंने कभी भी ट्विटर पर किसी को ब्लॉक या अनफॉलो नहीं किया है. सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति पर बंदिश लगाने के कई उदाहरण हैं जिनमें पिछला पीएमओ हैंडल भी शामिल है.
ये भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा किसी को फॉलो किया जाना ना तो किसी को कैरेक्टर प्रमाण पत्र देना है और ना किसी के आचरण की गारंटी. पीएम तो राहुल गांधी को भी फॉलो करते हैं जो लूट और धोखाधड़ी के आरोपी हैं.
बयान में केजरीवाल पर भी निशाना साधा गया है. कहा गया है कि पीएम अरविंद केजरीवाल को भी फॉलो करते हैं जिन्होंने ट्विटर पर उनसे बुरा व्यवहार किया और अपनी पार्टी के सदस्य के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत पर एक महिला से कहा कि ‘सेटल कर लो’. पीएम अभी भी भाजपा के पूर्व सदस्य पार्थेश पटेल को फॉलो करते हैं जो कांग्रेस में शामिल हो गए और पीएम के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया.
बयान में भी कहा गया है कि ये बहस एक तरफा भी है. राहुल गांधी से किसी ने सवाल नहीं किया, उनके रिश्तेदार तहसीन पूनावाला की अभद्रता पर. अपने समर्थकों की अभद्रता और बलात्कार की धमकियों के लिए केजरीवाल से कभी भी सवाल नहीं किया गया. इस तरह से ये बहस न सिर्फ बकवास और फेक है बल्कि सुविधा मुताबिक अभिव्यक्ति की आजादी का उदाहरण है.
बता दें कि मंगलवार को पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद ट्विटर पर निखिल दधीच नामक शख्स ने इस हत्या को न सिर्फ सही ठहराया था, बल्कि उसने गौरी को गाली भी दी थी. इसके बाद जब लोगों ने देखा तो इसे फॉलो करने वालों में पीएम मोदी भी शामिल थे. जिसके बाद से पीएम मोदी को भी लोग ट्रोल करने लगे.