जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ का सबब बनी झेलम और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से काफी नीचे हो गया, लेकिन मौसम विभाग की ओर से दोबारा बारिश और हिमपात की आशंका जताए जाने से स्थानीय लोग चिंतित हो उठे हैं. श्रीनगर में बुधवार को बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, "आज (बुधवार) सुबह राम मुंशी बाग (श्रीनगर) में जलस्तर 15 फुट और संगम (अनंतनाग) में 12 फुट रहा."
श्रीनगर. जम्मू एवं कश्मीर में बाढ़ का सबब बनी झेलम और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से काफी नीचे हो गया, लेकिन मौसम विभाग की ओर से दोबारा बारिश और हिमपात की आशंका जताए जाने से स्थानीय लोग चिंतित हो उठे हैं. श्रीनगर में बुधवार को बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, “आज (बुधवार) सुबह राम मुंशी बाग (श्रीनगर) में जलस्तर 15 फुट और संगम (अनंतनाग) में 12 फुट रहा.”
अधिकारी ने कहा, “ये दोनों जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे हैं. हालांकि, हम हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं. घाटी में बाढ़ संबंधी चेतावनी जारी की हुई है.” मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान राज्य में हल्की से लेकर भारी बारिश की आशंका जताई है. स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोट्स ने कहा, “हमें राज्य में दो और तीन अप्रैल को हल्की से लेकर भारी बारिश या बर्फबारी होने का अनुमान है.”
जम्मू एवं कश्मीर में रविवार को आई बाढ़ अब तक 18 लोगों की जानें ले चुकी है. बड़गाम जिले के लादेन गांव में सोमवार को बाढ़ में हुए भूस्खलन में घर ढह जाने से दो परिवारों के 16 लोग जिंदा दफन हो गए. इन घरों के मलबे से अब तक चार महिलाओं, एक पुरुष, एक नवजात का शव बरामद हुआ है. मलबे से बाकी शवों को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं.
प्रशासन ने बुधवार को महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर हल्के वाहनों के लिए एक तरफ से यातायात खोल दिया है. लेकिन किसी भी वाहन को विपरीत दिशा यानी श्रीनगर से जम्मू जाने की अनुमति नहीं होगी. अधिकारियों ने घाटी में स्थित सभी विश्वविद्यालयों और स्कूलों की बोर्ड परीक्षाएं चार अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी हैं. सभी स्कूल बुधवार को भी बंद रहेंगे.
IANS