नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का वनडे स्टंपिंग में 100वां शिकार बने अकिला दनंजया का नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया. ठीक ऐसा ही कुछ 2004 में हुआ था जब धोनी ने वनडे में अपने पहले शिकार के रूप में राजिन सालेह को आउट किया था. सचिन तेंदुलकर की गेंद को खेलने के प्रयास में वे क्रीज के थोड़े बाहर निकले और धोनी फुर्ती दिखते हुए पलक भर में गिल्लियां बिखेर दी.
सालेह ने उस वाकये को याद करते हुए मिडडे को ढाका में बताया मैं तो यह जानकर हैरान में रह गया कि किस तेजी से धोनी ने मुझे स्टंप किया था. मैं उस दिन बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, इसलिए शतक से वंचित का अफसोस था.
सालेह ने कहा कि उस वक्त धोनी अपने करियर की शुरुआत में ही थे, इसलिए मैं उन्हें सामान्य क्रिकेटर समझने की गलती कर बैठा था. लेकिन अब मुझे गर्व है कि मैं वनडे में स्टंपिंग के रूप उनका पहला शिकार बना. उन्होंने कहा कि वैसे उस शतक के चूकने का दर्द अभी भी कम नहीं हुआ है.
उस समय भारतीय टीम में मेरे हीरो तेंदुलकर और सौरव गांगुली खेल रहे थे और मैं मजबूत टीम के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, इसलिए शतक से चूकने का अफसोस मुझे आज भी है. बता दें कि धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ रविवार को आखिरी वनडे में स्टंपिंग का शतक पूरा कर दुनिया के पहले विकेटकीपर बन गए हैं. धोनी ने युजवेंद्र चहल की गेंद पर दनंजया को स्पंपिंग किया था.