Amit Shah BJP 282 Plus Seats Lok Sabha 2019 Results NDA: अमित शाह बोले- बीजेपी 282 से ज्यादा सीटें बडे़ मार्जिन से जीतेगी, NDA का नंबर भी बढ़ेगा

Amit Shah BJP 282 Plus Seats Lok Sabha 2019 Results NDA: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी 282 से ज्यादा सीटें जीतेगी और उसकी जीत का मार्जिन भी बढ़ेगा. अमित शाह ने दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA को 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटें आएंगी. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश एक बार फिर मौका देने जा रहा है.

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Amit Shah BJP 282 Plus Seats Lok Sabha 2019 Results NDA: अमित शाह बोले- बीजेपी 282 से ज्यादा सीटें बडे़ मार्जिन से जीतेगी, NDA का नंबर भी बढ़ेगा

Aanchal Pandey

  • May 7, 2019 1:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 2014 के चुनाव में मिली 282 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी और उसकी जीत का मार्जिन भी बढ़ेगा. अमित शाह ने दावा किया है 23 मई को जब लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आएंगे तो बीजेपी के साथ-साथ एनडीए का भी नंबर पिछली बार से बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि देश ने मन बना लिया है और वो एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूत बहुमत की सरकार बनाने का मौका देने जा रहा है.  अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को पांच चरण के चुनाव के बाद दिए इंटरव्यू में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर लंबी चर्चा की है.

देश भर में बीजेपी विरोधी गठबंधन में शामिल पार्टियों के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का ये बयान एक झटका है कि बीजेपी को 282 से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी और उसकी जीत का मार्जिन भी बढ़ेगा. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ अखिलेश यादव, मायावती, अजित सिंह की सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन का सपना टूट जाएगा कि गैर भाजपा दलों को एक साथ लाकर कोई सरकार केंद्र में बनाई जा सकती है. विरोधी पार्टियों को उम्मीद है कि बीजेपी 200 से कम सीट जीतेगी और एनडीए को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा. छोटी पार्टियों लोकसभा में त्रिशंकु स्थिति को अपने लिए अच्छा मानती हैं. बहुमत से पीछे रहने पर भी बीजेपी के प्लान बी की चर्चा है जिसके तहत नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजर नवीन पटनायक की बीजेडी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर- कांग्रेस पर भी है जिनके लोकसभा चुनाव में अच्छी जीत का अनुमान. पढ़िए पूरा इंटरव्यू

सवाल– 2014 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिल गया था. पार्टी ने 282 सीटें जीती थीं. पांच दौर के चुनावों के बाद इस बार सीटों को लेकर आपका आंकलन क्या है?

अमित शाह– 282 के आंकड़ें को हम बहुत पीछे छोड़ देंगे. एनडीए की सीटों का आंकड़ा भी बढ़ेगा. हमारे आंतरिक सर्वे के अनुसार न सिर्फ हमारी सीटें बढ़ेंगी बल्कि जीत का अंतर भी बढ़ेगा. बीजेपी और एनडीए का देश में इलाकों के हिसाब से प्रसार भी बढ़ेगा.

सवाल– आपको क्यों लगता है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग बीजेपी को वोट देंगे?

अमित शाह– देखिए पहली बात तो लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है. हम लोगों में मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का उत्साह देख सकते हैं. दूसरी बात मोदी सरकार ने चौतरफा विकास किया है. भारत की विश्व में इज्जत बढ़ी है. हमारी जीडीपी भी बढ़ी है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सवा सौ करोड़ देशवासियों को यह यकीन दिलाया है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर कितनी गंभीर है. चाहे वह जम्मू-कश्मीर में कड़े निर्णय लेने की बात हो या अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के मोर्चे पर हासिल की गई अदभुत सफलता हो. इन सभी मामलों में जनता ने पहले के मुकाबले एक बड़ा सकारात्मक बदलाव देखा है. मुझे लगता है लोगों को मोदी जी में एक ऐसा नेता मिला है जो संवेदनशील भी है लेकिन कड़े निर्णय करने का हौसला भी रखता है.

सवाल– आप राष्ट्रीय सुरक्षा को एक बड़ा मुद्दा बना चुके हैं. लेकिन क्या आपको लगता है यह मुद्दा वोटर को रिझा पाएगा?

अमित शाह- 1990 से ही जनता चाहती थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता हो. पहले की सरकारें एक ही रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देती थीं जबकि भारत मजबूती से वैश्विक मंच पर अपनी बात भी रख सकता था और साथ ही आतंक के ठिकानों को नष्ट करने की कार्रवाई भी कर सकता था. हाल-फिलहाल तक आतंकवाद के खिलाफ सारी लड़ाई भारत की जमीन पर ही लड़ी जाती थी. इससे हमें बहुत भुगतना पड़ा है. यह सिर्फ मोदी जी के कार्यकाल में ही हुआ है कि भारत ने आतंक के ठिकाने पर सीधे हमला किया वो भी दो बार. चाहे वो 2016 का सर्जिकल स्ट्राइक हो या 2019 का बालाकोट एयरस्ट्राइक. जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो सभी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक तुक्का है न कि रणनीति. लेकिन बालाकोट एयस्ट्राइक के बाद सभी को मानना पड़ा कि ये है भारत और मोदी की रक्षा नीति. आजादी के बाद पहली बार भारत की रणनीति और रक्षा नीति में अंतर आया है. इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण विषय है.

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सवाल- विपक्ष आतंकी मसूद अजहर के अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के समय को लेकर सवाल उठा रहा है. क्या आप लोग इसे चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल करेंगे.

अमित शाह- तो क्या विपक्ष के हिसाब से UN को चुनाव बीतने तक का इंतजार करना चाहिए था. यह हमारे सरकार की बड़ी रणनीतिक उपलब्धि है. यह फैसला तब हुआ जब दुनिया ने माना कि भारत अपनी आत्मरक्षा के लिए आतंकी जमीन पर जाकर हमला कर सकता है. पूरी दुनिया ने इसे स्वीकार किया. मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाना हमारी बड़ी उपलब्धि है. इसका चुनावी फायदा हमें क्यों नहीं उठाना चाहिए.

सवाल- आपने आर्टिकल 370, 35A हटाने की बात कही है ताकि जम्मू-कश्मीर को एक किया जा सके. क्या एनडीए के बाकी सहयोगी इस मुद्दे पर आपके साथ खड़े हैं?

अमित शाह- बीजेपी पूरी तरह इन दोनों कानूनों को खत्म करना चाहती है. पूरी मजबूती से. हम अपने सहयोगियों को भी समझाएंगे. यह हमारा भारत की जनता से वादा है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के हमारे वादे पर भी हम अडिग हैं.

सवाल- राम मंदिर के मुद्दे पर क्या कहेंगे?

अमित शाह- सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए 8 हफ्ते का समय दिया है. यह जून 2019 में समाप्त होगा. इसके बाद इस केस की दोबारा सुनवाई होगा. हम फैसले का इंतजार करेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट भी वहीं रास्ता अपनाएगी जो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपनाया था.

सवाल- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आतंकवाद की आरोपी थीं, बेल पर बाहर हैं, लेकिन आपने उन्हें भोपाल से अपना उम्मीदवार बना दिया. क्यों?

अमित शाह- साध्वी प्रज्ञा पर जो चार्जशीट दायर हुई है पहले वह पढ़िए. उन्हें बम प्लांट करने का आरोपी नहीं बनाया गया है. उन्हें एक ऐसी बैठक में हिस्सा लेने का आरोपी बनाया गया है जो मालेगांव, समझौता एक्सप्रेस, और मक्का मस्जिद धमाके की साजिश रचने के लिए आयोजित हुई. मक्का मस्जिद और समझौता एक्सप्रेस धमाकों पर अभी फैसला आना बाकी है. कोर्ट ने उस बैठक में साजिश रचने के आरोप को काल्पनिक बताते हुए खारिज कर दिया है. दो अदालतों ने साजिश रचने के आरोपों को खारिज किया है जो सिद्ध करता है कि हिंदू आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं है. ऐसे में साध्वी को आरोपी कहने की कोई जरूरत नहीं है. साध्वी को लोकसभा टिकट कांग्रेस के हिंदू धर्म को बदनाम करने और हिंदू आतंकवाद जैसा दुष्प्रचार रचने का जवाब है. इसके लिे भोपाल से बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकती थी. क्योंकि हिंदू आतंकवाद जिस शख्स के दिमाग की उपज है वो दिग्विजय सिंह भोपाल से ही चुनाव लड़ रहे हैं. साध्वी की उम्मीदवारी बीजेपी का सत्याग्रह है फर्जी हिंदू आतंक के खिलाफ. मुझे लगता है अदालत के बाद अब हमें जनता के फैसले का इंतजार करना चाहिए.

सवाल- पश्चिम बंगाल के चुनावों को कैसे देखते हैं?

अमित शाह- बंगाल में हम निश्चित तौर पर आधी सीटें जीतने जा रहे हैं. बंगाल में बड़े पैमाने पर लोग बदलाव चाहते हैं. वो ममता दीदी के तुष्टीकरण की राजनीति से परेशान हो चुके हैं. बंगाल में न सिर्फ लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है बल्कि इसकी पूरी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है.

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