नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि हाई कोर्ट में लंबे समय से लंबित मामले जमानत का आधार हो सकता है या नही. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की रजिस्ट्री से डाटा मांगा कि ऐसे कितने मामले है जो हाई कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कहा ज़मानत आजादी का मूल आश्वासन है. केसों का लंबित होना हमें परेशान करता है. हमें इस समस्या का कुछ निवारण ढूढ़ना होगा.
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा इनमें से कितने मामले है जिसमें उम्र क़ैद की सज़ा हुई है. हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को 6 हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट में डाटा देना है.
दरअसल लॉयर्स फ़ॉर जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट ने उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर मामला हाई कोर्ट में भले ही लंबे समय से लंबित है तो ये जमानत का आधार नही हो सकता.
याचिका में कहा गया है कि 1998 और 2000 के कई ऐसे अपील है जो अभी भी लंबित है.