योगी सरकार का शिंकजा, नोएडा में 6 बड़े बिल्डरों के खिलाफ FIR दर्ज

योगी सरकार ने फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में बिल्डरों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. नोएडा पुलिस ने छह थानों में आठ बिल्डरों के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिनमें आम्रपाली, सुपरटेक, टुडे होम बिल्डर, एल्पाइन रियलटेक, बीआरयूवाई, जीएनसी, ब्रीयू एलटीडी बिल्डर शामिल हैं

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योगी सरकार का शिंकजा, नोएडा में 6 बड़े बिल्डरों के खिलाफ FIR दर्ज

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  • September 2, 2017 4:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नोएडा: योगी सरकार ने फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में बिल्डरों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. नोएडा पुलिस ने छह थानों में आठ बिल्डरों के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिनमें आम्रपाली, सुपरटेक, टुडे होम बिल्डर, एल्पाइन रियलटेक, बीआरयूवाई, जीएनसी, ब्रीयू एलटीडी बिल्डर शामिल हैं. निवेशकों ने इन बिल्डरों की शिकायत तीन मंत्रियों की समीति से की थी. इसमें से 9 मामले तो केवल आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ किए गए हैं, एक मामला सुपरटेक जबकि तीन मामले अन्य बिल्डर के खिलाफ किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उनके मंत्री सुरेश राणा, सतीश महाना और सुरेश खन्ना ने फ्लैटों के लिए सालों से चक्कर लगा रहे खरीददारों से मुलाकात की थी. खरीददारों की शिकायत सुनने के बाद मंत्रियों ने पुलिस को आरोपी बिल्डरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया था.
 
निवेशक कंपनी के डायरेक्टरों के सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पूरी तरह से एक जुट हो गए हैं. इससे माना जा रहा है कि डायरेक्टरों पर आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई हो सकती है. केवल आम्रपाली बिल्डर्स पर नोएडा अथॉरिटी का तकरीबन 1300 करोड़ और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का करीब 1200 करोड़ बकाया है. इसलिए अथॉरिटी ने बिल्डर्स को डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया था. एसएसपी लव कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि निवेशकों ने शिकायत की थी कि लाखों रुपए देने के बाद भी बिल्डर्स ने न तो उनके फ्लैद मुहैया कराया और न ही प्रोजेक्ट पर निर्माण पूरा किया है. खरीदारों ने मांग की थी कि उनके साथ धोखाधड़ी करके उनके पैसे पर ऐश करने वाले बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.
 
एसएसपी लव कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि निवेशकों ने शिकायत की थी कि लाखों रुपए देने के बाद भी बिल्डर्स ने न तो उनके फ्लैद मुहैया कराया और न ही प्रोजेक्ट पर निर्माण पूरा किया है. खरीदारों ने मांग की थी कि उनके साथ धोखाधड़ी करके उनके पैसे पर ऐश करने वाले बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए. आम्रपाली ग्रुप के सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत मुकुल को नोएडा पुलिस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है. आम्रपाली ग्रुप का नाम भारत के बड़े बिल्डरों में शुमार है. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में इस ग्रुप के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
 
एसएसपी लव कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि निवेशकों ने शिकायत की थी कि लाखों रुपए देने के बाद भी बिल्डर्स ने न तो उनके फ्लैद मुहैया कराया और न ही प्रोजेक्ट पर निर्माण पूरा किया है. खरीदारों ने मांग की थी कि उनके साथ धोखाधड़ी करके उनके पैसे पर ऐश करने वाले बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए. आम्रपाली ग्रुप के सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत मुकुल को नोएडा पुलिस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है. आम्रपाली ग्रुप का नाम भारत के बड़े बिल्डरों में शुमार है. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में इस ग्रुप के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. 
 
आम्रपाली ग्रुप के सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत मुकुल को नोएडा पुलिस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है. आम्रपाली ग्रुप का नाम भारत के बड़े बिल्डरों में शुमार है. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में इस ग्रुप के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. आम्रपाली ग्रुप के सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत मुकुल को नोएडा पुलिस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है. आम्रपाली ग्रुप का नाम भारत के बड़े बिल्डरों में शुमार है. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में इस ग्रुप के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
 
बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने पहले 24 रियल स्टेट के बिल्डरों को नोटिस जारी कर चुकी है. नोएडा अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुपरटेक, ओमेक्स, यूनिटेक, अजनारा, लॉजिक्स, अंतरिक्ष, डिवाइन इंडिया, टुडे होम्स, एसोटेक, लॉरेट बिल्डवेल, एसडीएस इंफ्राटेक को नोटिस जारी किया गया. अधिकारियों ने बताया कि हमने डेवलपर्स को नोटिस जारी कर दिए थे, अगर अब भी उन्होंने एक्शन प्लान जमा नहीं किए तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहें. मुख्यमंत्री आदित्यिनाथ ने अधिकारियों, बिल्डरों और खरीददारों के बीच त्रिपक्षीय बैठकों को व्यवस्थित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था कि राज्य में बिल्डर और विक्रेता के बीच इस मुद्दे का हल करें.
 

 
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