FIR on Tej Bahadur in Varanasi: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में खड़े हुए तेज बहादुर यादव का पहले नामांकन रद्द, अब दंगा का केस दर्ज

FIR on Tej Bahadur in Varanasi: बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में खड़े हुए पूर्व बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन रद्द होने के बाद उन पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है. तेज बहादुर पर एक स्थानीय वकील ने आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है.

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FIR on Tej Bahadur in Varanasi: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में खड़े हुए तेज बहादुर यादव का पहले नामांकन रद्द, अब दंगा का केस दर्ज

Aanchal Pandey

  • May 4, 2019 1:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

वाराणसी. बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार रहे पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव पर मुकदमा दर्ज हो गया है. उन पर बनारस के कैंट थाने में आचार संहिता के उल्लंघन और दंगा का मुकदमा दर्ज हुआ है. तेज बहादुर बीएसएफ के वहीं जवान हैं जिन्होंने पिछले साल खाने की खराब गुणवत्ता की शिकायत करते हुए वीडियो बनाया था जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. इसके बाद तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया.

बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेज बहादुर यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा था. बाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन तेज बहादुर का नामांकन रद्द हो गया. इसके बाद तेज बहादुर और उनके साथियों ने चुनाव आयोग के दफ्तर में हंगामा कर दिया और धरने पर बैठ गए. एक स्थानीय वकील ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया है. तेज बहादुर पर सेक्शन 147 (हंगामा और हिंसा करना) और सेक्शन 188 (सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालना) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.

दरअसल तेज बहादुर यादव ने जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा भरा था तो उन्होंने जानकारी दी थी कि उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त किया गया है. लेकिन सपा उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा भरते हुए उन्होंने यह जानकारी नहीं दी. इसके साथ ही उन्हें बीएसएफ से एक नो ऑब्जेक्शन का प्रमाणपत्र भी जमा कराना था जो वो नहीं करा पाए. इस वजह से तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया गया.

तेज बहादुर यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ” मैं बीएसएफ में था और जो बात मुझे गलत लगी मैंने उसके खिलाफ आवाज उठाई. जब मुझे लगा कि मेरे साथ गलत हुआ है तो मैंने फैसला किया कि मैं बनारस आकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ूंगा. अगर मेरे दस्तावेजों में कोई दिक्कत थी तो उन्होंने मुझे तब क्यों नहीं बताया जब मैंने एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा था.”

तेज बहादुर ने बीजेपी पर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए तानाशाही रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया. तेज बहादुर इस फैसले से बेहद निराश दिखे. उन्होंने कहा,” मेरे दादा आजाद हिंद फौज में थे, मैं एक किसान का बेटा हूं और सेना में जवान रहा हूं. अब मैं चुनाव तक नहीं लड़ सकता. यह तानाशाही है.” तेज बहादुर ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे.

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