Odisha Puri Cyclone Fani: क्या है फानी का मतलब, कौन और कैसे रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम?

Odisha Puri Cyclone Fani: चक्रवती तूफान फानी बंगाल की खाड़ी से चलकर शुक्रवार सुबह 9 से 10 बजे के बीच ओडिशा के पुरी पहुंचेगा. राज्य के 15 जिलों में इस तूफान का असर देखा जाएगा. हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. मौसम वैज्ञानिक इस तूफान को काफी खतरनाक बता रहे हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं इस तूफान के नाम फानी का क्या अर्थ है, कौन और कैसे रखता है.

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Odisha Puri Cyclone Fani: क्या है फानी का मतलब, कौन और कैसे रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम?

Aanchal Pandey

  • May 3, 2019 6:41 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

पुरी. बंगाल की खाड़ी से चलकर शुक्रवार सुबह 9 से 10 तक ओडिशा के पुरी पहुंच रहे भयकंर चक्रवाती तूफान और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है. इस तूफान का असर सूबे के 15 जिलों में देखने को मिल सकता है. तूफान के मद्देनजर राज्य सरकार ने सुरक्षा और बचाव के पूरे इंतजाम कर लिए हैं. मौसम वैज्ञानिक फानी को काफी खतरनाक तूफान मान रहे हैं. सूबे में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. 10 हजार गांव खाली और करीब 11 लाख लोगों को तटीय इलाकों से दूर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. आइए जानते हैं इस तूफान के नाम का मतलब और कौन और कैसे रखता है इन खतरनाक तूफानों के नाम.?

क्या है चक्रवती तूफान फानी के नाम का अर्थ
ओडिशा में तबाही मचाने के लिए पहुंच रहा फानी तूफान का नाम बंग्लादेश के सुझाव पर रखा गया है. इसका नाम का अर्थ होता है साप का फन. इससे पहले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान को तितली नाम दिया गया था जो कि पाकिस्तान के सुझाव पर रखा गया था. इस बार आए तूफान का नाम आखिर फानी क्यों रखा गया और ये नाम कैसे रखे जाते हैं इसके लिए आपको थोड़ा और पढ़ना होगा.

कैसे हुई तूफानों के नाम रखने की शुरुआत

साल 1953 में पहली बार किसी चक्रवती तूफान का नाम रखा गया था. तूफानों के नाम रखने की शुरुआत अटलांटिक महासागर क्षेत्र में हुए एक समझौते के तहत हुई थी. मियामी के हरिकेन सेंटर ने इसकी शुरुआत की थी. पहले तूफानों के नाम महिलाओं के नाम पर रखे जाते थे. वहीं ऑस्ट्रेलिया में तो भ्रष्ट नेताओं के नाम पर भी तूफानों के नाम रख जा चुके हैं. हालांकि 1973 में ये ट्रेंड बदल गया और इसके बाद तूफान के नाम रखने के लिए जेंडर कैटगरी खत्म कर दी. यानी महिला और पुरुष दोनों के नाम पर तूफानों के नाम रखे जाने लगे.

2004 में भारत समेत 8 देशों में शुरू हुआ तूफानों का नामकरण
दरअसल साल 2004 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (wmo) की अगुवाई वाले एक इंटरनेशनल पैनल को भंग कर दिया गया. जिसके बाद देशों को अपने-अपने इलाके में आने वाले चक्रवात का नाम खुद चुनने के लिए कहा गया. उसके बाद हिंद महासागर से जुड़े देशों में भारत ने पहल करते हुए इसकी शुरुआत की. इसके लिए भारत ने बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड से एक समझौता किया. जिसके अनुसार, इन 8 देशों में जिस क्षेत्र में चक्रवती तूफान आएगा तो उसके सुझाव पर ही उसका तूफान का नाम रखा जाएगा. इसके लिए हर साल इन सभी देशों के साइक्लोन एक्सपर्टों एक मीटिंग का आयोजन भी किया जाता है.

पिछली कुछ सालों में आए कुछ तूफान और उनके नाम का मतलब

1. साल 2017 में अमेरिका में आए इरमा तूफान का नाम हैरी पॉटर किताब के एक महिला कैरेक्टर से लिया गया था.

2. साल 2013 में बंगाल की खाड़ी में उठे फैलिन तूफान को थाईलैंड के सुझाव रखा गया था.

3. साल 2014 में उत्तरी हिंद महासागर के सबसे खतरनाक तूपान हुदहुद को ओमान देश की एक चिड़िया के नाम पर रखा गया था.

4. साल 2017 में आए चक्रवती तूफान ओखी का नाम भी बंग्लादेश के सुझाव पर रखा गया था. इस तूफान ने भारत के गुजरात, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में कहर मचाया था.

5. साल 2016 में आए चक्रवती तूफान वरदा का नाम पाकिस्तान के सुझाव पर रखा गया था. बंगाल खाड़ी में उठे वरदा तूफान ने चेन्नई में भारी तबाही मचायी थी.

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