चहेतों को ‘यश भारती’ बांटने के सवाल पर बोले अखिलेश यादव- आप भी बांट लो

उत्तर प्रदेश की पुरानी अखिलेश यादव की सरकार एक बार फिर यश भारती अवार्ड्स बांटने को लेकर घिरती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने साल 2012 से 2017 के बीच अपने करीबियों और चहेतों को यश भारती पुरस्कार बांटे हैं.

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चहेतों को ‘यश भारती’ बांटने के सवाल पर बोले अखिलेश यादव- आप भी बांट लो

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  • August 31, 2017 3:53 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की पुरानी अखिलेश यादव की सरकार एक बार फिर यश भारती अवार्ड्स बांटने को लेकर घिरती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने साल 2012 से 2017 के बीच अपने करीबियों और चहेतों को यश भारती पुरस्कार बांटे हैं.
 
इन सवालों पर अखिलेश यादव ने बेहद ही चौंकाने वाला बयान दे दिया है. बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी की योगी सरकार को भी अपने लोगों को ये पुरस्कार दे देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अब तो आपकी सरकार है. आप भी अपने लोगों को ये पुरस्कार बांट दीजिए. हमने आपको कौन सा रोका है.’
 
अखिलेश यादव ने कहा कि उनके पिताजी के मुख्यमंत्री रहते वक्त ये अवार्ड सबसे पहले अमिताभ बच्चन को दिया गया था और बच्चन जी को हिंदी सिनेमा में किए गए उनके काम की वजह से ये पुरस्कार दिया गया था. वहीं शबाना आजमी, काफी आजमी को भी ये अवार्ड दिया गया है. उन्होंने कहा बहुत से पत्रकार जिन्होंने अच्छा काम किया है, गायक जैसे छन्नुलाल मिश्रा, ऐसे लोगों को ये पुरस्कार दिया गया है. 
 
उन्होंने समाजवादी पार्टी पर लगे आरोपों पर बीजेपी को आड़े हाथों में लेते हुए कहा, ‘ऐसा कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने अपने कुछ खास लोगों को ये सम्मान दिया. हम तो कहते हैं कि अब आपकी सरकार है, आप भी जिसे चाहे दे दीजिए. कौन आपको रोक रहा है. दिल्ली में आपकी सरकार है, यूपी में आपकी सरकार है. हमसे ज्यादा पेंशन भी दीजिए. आप 50 हजार की जगह एक लाख पेंशन दे दीजिए.’
 
बता दें कि एक अंग्रेजी वेबसाइट को आरटीआई के जरिए जानकारी मिली थी कि अखिलेश सरकार ने साल 2012 से 2017 के बीच जितने लोगों को यश भारती अवार्ड दिया था उसमें से ज्यादातर लोग सपा के करीबी थे. आरटीआई में यह खुलासा हुआ था कि कुल 200 लोगों को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था जिसमें से 142 लोगों का संबंध समाजवादी पार्टी से था.
 
आरटीआई के अनुसार 21 विजेता तो ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री को एक खत लिखा था और उन्हें ये पुरस्कार दे दिया गया. इसके साथ ही कई विजेताओं की सिफारिश तो समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ही की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 के नाम शिवपाल यादव और एक का नाम आजम खान ने आगे बढ़ाया था.
 
क्या है यश भारती सम्मान?
यश भारती सम्मान यूपी से संबंध रखने वाले ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने संस्कृति, साहित्य, कला या खेलकूद के क्षेत्र में प्रतिष्ठा हासिल की हो और राज्य का नाम ऊंचा किया हो. इस सम्मान के साथ 11 लाख रुपए भी दिए जाते हैं, साथ ही सम्मान पाने वाले शख्स को जीवन भर 50 हजार रुपए की पेंशन भी मिलती है.
 
यह पुरस्कार हरिवंश राय बच्चन, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, नसिरुद्दीन शाह, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, शुभा मुद्गल, रीता गांगुली, रेखा भारद्वाज, कैलाश खेर, रविंद्र सिंह, अरुणिमा सिन्हा, भुवनेश्वर कुमार और पीयूष चावला जैसी हस्तियों को दिया जा चुका है.
 
बता दें कि  मुलायम सिंह यादव ने 1994 में इस सम्मान की शुरुआत की थी, जिसे मायावती ने अपने शासन में बंद करवा दिया था, लेकिन साल 2012 में अखिलेश यादव ने इसे दोबारा शुरू करवा दिया.
 
 
 

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