नई दिल्ली: आरबीआई द्वारा नोटबंदी के आंकड़े जारी करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान वित्त मंत्री ने नोटबंदी को बेहद सफल करार देते हुए कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों के पैसे जब्त करना नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से नगदी व्यवस्था है इसलिए सिस्टम पूरी तरह अलर्ट होना चाहिए.
आरबीआई के आंकड़े जारी होने के बाद से सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे विपक्ष को जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन्होंने काले धन के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं लड़ी वो आज नोटबंदी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य काले धन को खत्म करने के अलावा देश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देना भी था. इसके अलावा नोटबंदी के बाद से करदाताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है.
कितने जमा रूपये संदिग्ध हैं इस बारे में सवाल पूछने पर वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल इस बारे में कोई पुख्ता आकंड़ा नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि जिन लोगों ने भी बैंकों में अत्याधिक मात्रा में पैसा जमा कराया, उनकी जानकारी आरबीआई के पास हैं और संदिग्ध लोगों को नोटिस भेजकर पूछताछ की जा रही है. नोटबंदी से क्या काला धन पूरी तरह खत्म हो गया? इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि ‘मैं ये नहीं कह सकता है कि पूरी तरह काला धन वापस हो गया. लेकिन नोटबंदी ने काले धन को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है.’
आरबीआई के आंकड़े जारी होने के बाद से सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे विपक्ष को जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन्होंने काले धन के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं लड़ी वो आज नोटबंदी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य काले धन को खत्म करने के अलावा देश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देना भी था. उन्होंने ये भी कहा कि नोटबंदी की वजह से आतंकवादियों की कमर टूट गई. इसके अलावा नोटबंदी के बाद से करदाताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है.