CBSE Class 10th Exam Pattern: सीबीएसई बोर्ड ने क्लास 10वीं इंग्लिश और गणित विषय में लागू किया इंटरनल एग्जाम

CBSE Class 10th Exam Pattern: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने साल 2020 में कक्षा 10 के गणित और अंग्रेजी पेपर में स्कूल आधारित मूल्यांकन को शामिल किया गया है. सीबीएसई का कहना है कि इससे छात्रों को वैचारिक शिक्षा मिलेगी. ये इंटरनल मार्क्स छात्रों को बोर्ड एग्जाम क्लियर करने बाद ही दिए जाएंगे.

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CBSE Class 10th Exam Pattern: सीबीएसई बोर्ड ने क्लास 10वीं इंग्लिश और गणित विषय में लागू किया इंटरनल एग्जाम

Aanchal Pandey

  • April 29, 2019 3:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) साल 2020 से दसवीं के गणित और अंग्रेजी के पेपर के लिए दो स्तरीय परीक्षा का आयोजन करेगा. एक अंग्रेजी समाचार पत्र को प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर इस परीक्षा में छात्रों को स्कूल आधारित मूल्यांकन के तहत 20 अंक दिए जाएंगे. इससे पहले छात्रों को बोर्ड एक्जाम क्लियर करना होगा. उसके बाद उन्हें ये मार्क दिए जाएंगे. सीबीएसई बोर्ड में पहले ये प्रकिया कक्षा 12 के छात्रों के लिए अपनाई गई लेकिन अब इसमें कक्षा 10 के छात्रों को भी शामिल किया गया है.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इसे शिक्षार्थी केंद्रित कदम बताया है. सीबीएसई का कहना है कि स्कूल आधारित मूल्यांकन की आवश्यकता है और इस बढ़ाया जा रहा है. इस नियम के लागू होने के बाद थ्योरी 100 नंबर के बजाए 80 मार्क्स की रह जाएगी. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस मामले में अपने संबद्ध स्कूलों को नोटिस भेजा है.

साल 2020 में होने वाली कक्षा 10 की मैथमेटिक्स परीक्षा में स्टूडेंट्स के पास एक ऑब्शन भी होगा. जो छात्र हायर स्टडी में मुख्य सबजेक्ट के तौर पर मैथमैटिक्स नहीं लेना चाहते हैं उन्हें बेसिक मैथमेटिक्स पढ़ना होगा. साल 2018 में सीबीएई के रिलीज किए गए सर्कुलर के आधार पर वर्तमान मैथमेटिक्स को दो भागों में बांटा गया. पहला मैथमेटिक्स स्टैंडर्ड दूसरा मैथमेटिक्स बेसिक.

इस साल की शुरुआत में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने घोषणा की थी छात्रों को क्रिएटिव रांइटिंग्स के मार्क्स दिए जाएंगे. मौजूदा समय में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया उसी का हिस्सा होगी. एक समाचार पत्र से बात करते हुए सीबीएसई के प्रवक्ता ने कहा कि इस नियम को लागू करके वैचारिक शिक्षा को बढ़ावा देना है.

प्रवक्ता ने आगे कहा, छात्र ज्यादातर परीक्षा में टेक्स्ट बुक में लिखे गए आधार पर सवालों का उत्तर देते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया के लागू होने से छात्र में लिखने की कला अपने आप विकसित होगी. और उनके पास किताबी ज्ञान के अलावा व्यवहारिक ज्ञान में भी इजाफा होगा. 

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