Priyanka Gandhi Varanasi Narendra Modi: गुरुवार को कांग्रेस ने वाराणसी से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की. वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय को उतारा है. प्रियंका गांधी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव ना लड़ने पर कांग्रेस में ही विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस के नेता इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि क्यों प्रियंका गांधी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं.
नई दिल्ली. गुरुवार को कांग्रेस ने घोषणा करते हुए वाराणसी से अपने उम्मीदवार का नाम बता दिया. उन्होंने वाराणसी लोकसभा सीट से अजय राय को उतारा है. इसी के बाद उन अटकलों पर विराम लग गया जिनमें कहा जा रहा था कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि ऐसा होते ही कांग्रेस में विवाद छिड़ गया है. पार्टी के नेता इस पर अपनी ओर से प्रतिक्रिया दे रहे हैं और बता रहे हैं कि क्यों प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं. नेताओं की प्रतिक्रिया अलग-अलग हैं. कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और राजीव शुक्ला ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी और दोनों ने ही प्रियंका के चुनाव ना लड़ने को लेकर अलग-अलग जवाब दिए.
ये बताते हुए कि प्रियंका गांधी वाराणसी से लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ रहीं हैं सैम पित्रोदा ने कहा, ये गलत है कि राहुल गांधी को उनपर भरोसा नहीं था. ये प्रियंका जी का अपना फैसला था, उनके पास अपनी और भी जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने सोचा की एक सीट पर ध्यान देने से अच्छा है कि वो उस काम पर ध्यान दें जो उन्हें सौंपा गया है. तो ये फैसला भी उनका था और उन्होंने ही लिया. सैम पित्रोदा ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि वाराणसी से लोकसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला प्रियंका गांधी का खुद का था.
Sam Pitroda, Indian Overseas Congress Chief: It (not contesting from Varanasi) was Priyanka ji's decision, she has other responsibilities. She thought rather than concentrating on one seat she should focus on the job she has at hand. So, that decision was her and she decided it. pic.twitter.com/65hTQurplT
— ANI (@ANI) April 26, 2019
वहीं सैम प्रत्रोदा के बयान के बाद राजीव शुक्ला ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस बारे में कहा कि, अगर आपको याद हो तो उन्होंने (प्रियंका गांधी) पहले दिन से कहा था कि वो वाराणसी से लड़ना चाहती हैं और ये भी कहा था कि यह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का फैसला था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फैसला किया कि पूर्व प्रतियोगी अजय राय जिन्होंने पांच साल तक काम किया था उन्हें ही चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए. प्रियंका गांधी ने हर मंच पर कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष ही चुनाव लड़ने पर फैसला करेंगे.
दोनों नेताओं के बयानों में अंतर से ये तो साफ हो रहा है कि पार्टी में दरार आ रही है. ये भी कहा जा सकता है कि पार्टी दो हिस्सों में बंट रही है. एक हिस्सा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में है और दूसरा हिस्सा पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी के पक्ष में है.