पंचकुला. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के खिलाफ साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकुला की सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को दोषी मान लिया है. 28 अगस्त को सजा का एलान किया जाएगा. सजा के एलान के बाद कोर्ट से सीधे जेल जाएंगे.
कोर्ट ने धारा 376 यानी बलात्कार और 506 यानी डराने-धमकाने के मामले में दोषी करार दिया है. बता दें कि धारा 376 में 7 से दस साल तक की सजा का प्रावधान है. गुरमीत राम रहीम को न्यायिक हिरासत में लिया गया है.
बता दें कि कोर्ट के भीतर महज सात लोग मौजूद थे, जब ये फैसला पढ़ा जा रहा था. पुलिस के दो अधिकारी भी मौजूद थे. जब फैसला पढ़ा जा रहा था, तब राम रहीम कोर्ट के भीतर हाथ जोड़कर खड़े थे. कोर्ट रूम में मौजूद सभी व्यक्ति के फोन को बंद करा दिया गया था.
गुरमीत राम रहीम पर फैसले की संवेदनशीलता के मद्देनजर कानून-व्यस्था को कायम रखने के लिए सेना और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. जमीन से लेकर हवा तक से इस मामले पर नजर रखी जा रही है. पंचकुला के पूरे इलाके में घारा 144 लगाई गई है. दिल्ली से गृह मंत्रालय भी इस मामले पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पहले ही ये आदेश दे दिया है कि हालात पर काबू पाने के लिए सेना पूरी तरह से अलर्ट रहे. किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए. अगर जरूरत पड़ती है तो फायरिंग करने में किसी तरह का संकोच न करें. हालांकि, सरकार ने एहतियातन राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है.
इससे पहले बाबा राम रहीम करीब 200 गाड़ियां के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे. सिरसा से लेकर पंचकूला तक में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. किसी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए प्रशासन और सेना पूरी तरह से तैयार है. बार-बार समर्थकों को पंचकुला से हटाने का काम भी किया जा रहा है.
बता दें कि जिस आरोप पर राम रहीम के ऊपर सजा तय की गई हैं, वह मामला आज से 15 साल पहले साल पुराने 2002 का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की सदस्य एक साध्वी ने बाबा राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी, मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने इस मामले में 18 साध्वियों से पूछताछ की, जिनमें से दो साध्वियों ने यौन शोषण होने की बात स्वीकार की थी. एक साध्वी ने बाबा राम रहीम पर यह भी आरोप लगाया कि उसा शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था.
सीबीआई ने जांच पूरी कर साल 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई. अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर यौन शोषण आरोप मामले में 25 अगस्त को आएगा फैसला. कोर्ट ने 25 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को व्यक्तिगत रूप से सीबीआई कोर्ट में पेश होने के दिए निर्देश दिया है.