नई दिल्ली: ओबीसी समुदाय को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. ओबीसी में अब नॉन क्रीमी लेयर के लिए सालाना आय की सीमा अब 8 लाख कर दी गई है. ओबीसी में आरक्षण का लाभ नॉन क्रीमी लेयर को ही मिलता है. पहले सीमा 6 लाख थी जिसे बढ़ाकर अब 8 लाख सालाना कर दी गई है. अरुण जेटली ने कहा कि OBC में उप-श्रेणी के गठन को लेकर आयोग बनाया जाएगा जो 12 हफ्तों में रिपोर्ट सौंपेगा. मोदी सरकार ने नए फैसले की वजह से अब ओबीसी वर्ग के लोगों को भर्तियों और नौकरियों में ज्यादा फायदा मिल सकेगा. जेटली ने जानकारी देते हुए कहा कि ओबीसी लिस्ट में एक सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन किया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि आयोग के गठन के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी है. नए नियम के तहत जो लाभ पाने से वंचित रह जाते थे, उन लोगों को भी इसमें शामिल किया जा सकेगा. बता दें कि मोदी सरकार ने क्रीमी लेयर फिर से परिभाषित करने की मंशा जाहिर की थी, ताकि इससे मिलने वाला फायदा समजा के निचले तबके और जरुरतमंद को आसानी से मिल सके.
क्या है क्रीमी लेयर ?
पिछड़े वर्ग के लोग जो आरक्षण के दायरे के बाहर हो जाते हैं वो क्रीमी लेयर में आते हैं. शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में फिलहाल ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण है. लेकिन परिवार की वार्षिक आय क्रीमी लेयर के दायरे में आती हो. पहले परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए थी, जिसके सरकार ने बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी है. जिनकी आय अधिक होती है उन्हें क्रीमी लेयर कहा जाता है. वे आरक्षण के दायरे में नहीं आते.