तीन तलाक पर 3 सालों तक SC में ऐसे घटा पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने मंगलवार को ट्रिपल तलाक पर एतिहासिक फैसले लेते हुए ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैंच ने तीन दो के बहुमत से ये फैसला सुनाया. ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में कैसे घटा पूरा घटनाक्रम ये आज हम […]

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तीन तलाक पर 3 सालों तक SC में ऐसे घटा पूरा घटनाक्रम

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  • August 22, 2017 8:28 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने मंगलवार को ट्रिपल तलाक पर एतिहासिक फैसले लेते हुए ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैंच ने तीन दो के बहुमत से ये फैसला सुनाया. ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में कैसे घटा पूरा घटनाक्रम ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
 
16 अक्टूबर, 2015
 
सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने कहा कि चीफ जस्टिस को एक संवैधानिक बैंच बनानी चाहिए जो इस बात की जांच करे क्या हिंदू उत्तराधिकार के मुकाबले तलाक के मामलो में क्या मुस्लिम महिलाओं को लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ता है?
 
 
5 फरवरी 2016 
 
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक, निकाह, हलाला और बहुविवाह की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वो उनकी मदद करें.
 
28 मार्च 2016
 
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से महिलाओं से जुड़े शादी, तलाक, कस्टडी और उत्तराधिकार संबंधी कानूनों का आंकलन के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट सौंपने को कहा. ट्रिपल तलाक पर स्वत संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी कई संस्थाओं को पार्टी बनाया
 
 
29 जून 2016
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक को संवैधानिक कसौटी पर रखा जाएगा.
 
9 दिसंबर 2016
 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ट्रिपल तलाक के मुस्लिम कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा था कि पर्सनल लॉ व्यक्तियों को मिली संवैधानिक आजादी के ऊपर नहीं हो सकता.
 
 
16 फरवरी 2017
 
सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिपल तलाक, निकाह, हलाला और बहुविवाह पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ मामले की सुनवाई करेगी. 
 
27 मार्च 2017
 
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ट्रिपल तलाक पर सुनवाई नहीं हो सकती क्योंकि ये कोर्ट के दायरे से बाहर है.
 
30 मार्च 2017
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुद्दा बहुत जरूरी है और इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है. कोर्ट ने कहा कि 11 मई से कोर्ट की संवैधानिक बैंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
 
 
11 अप्रैल 2017
 
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ट्रिपल तलाक, निकाह, हलाला और बहु-विवाह सामाजिक स्थिति और मुस्लिम महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है. सरकार ने ये भी कहा कि ये ट्रिपल तलाक संविधान द्वारा लोगों को दिए गए मूलभूत अधिकारों का भी हनन करता है. 
 
 
14 अप्रैल 2017
 
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को तय करना चाहिए कि ट्रिपल तलाक सही है या गलत.
 
16 अप्रैल 2017
 
ट्रिपल तलाक का मामला उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि हमने दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि जो लोग शरिया कानून के खिलाफ जाकर ट्रिपल तलाक देंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा.
 
17 अप्रैल 2017
 
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो राजनेता तीन तलाक पर चुप्पी साधे रहते हैं वो उतने ही दोषी हैं जो इसे व्यवहारिक रूप से करते हैं. उन्होंने तीन तलाक को महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण से जोड़ते हुए इसे उतना ही शर्मनाक बताया.
 
 
18 अप्रैल 2017
 
अटॉर्नी जरनल मुकुल रोहतगी ने कहा कि तीन तलाक नहीं होना चाहिए क्योंकि देश में महिलाओं को भी पुरूषोंम के समान अधिकार दिए गए हैं.
 
21 अप्रैल 2017
 
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक के उस मामले को खारिज कर दिया जिसमें मुस्लिम पुरूष द्वारा हिंदू महिला को तलाक दिया गया था.
 
29 अप्रैल 2017
 
विपक्ष ने पीएम मोदी पर तीन तलाक के मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये भी कहा कि मुसलमान पुरूष अपनी हवस के लिए तीन तलाक का इस्तेमाल करते हैं.
 
3 मई 2017
 
तीन तलाक, निहाह हलाला और बहुविवाह के मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खुर्शीद को न्याय मित्र बनाया.
 
 
11 मई 2017
 
पांच जजों की खंडपीठ ने कहा कि हम सिर्फ इस बात का फैसला करेंगे कि तीन तलाक मूलभूत सिंद्धांतों का हनन है या नहीं, बैंच ने कहा कि हम बहुविवाह जैसे मुद्दे पर नहीं जाएंगे.
 
 
15 मई 2017
 
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि अगर तीन तलाक असंवैधानिक घोषित हो जाता है तो सरकार मुसलमानों के लिए शादी और तलाक को लेकर नया कानून बनाएगी. 
 
 
16 मई 2017
 
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा कि तीन तलाक 1400 साल पुरानी प्रथा है. बोर्ड ने कहा कि जब कोई प्रथा विश्वास से जु़ड़ी हो तो वो संवैधानिक नैतिकता का मुद्दा नहीं रह जाती.
 
17 मई 2017
 
कोर्ट ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड से पूछा कि क्या ये हल हो सकता है कि निकाह के समय ही युवती को ये विकल्प दिया जा सकता है कि वो निकाहनामे में तीन तलाके के लिए ना कह दे. यानी क्या काजी शादी के समय ये शर्त रख सकते हैं?
 
18 मई  2017
 
सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया
 
 

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