इन मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया

नई दिल्ली : मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाने वाला है. 11 से 18 मई तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. तीन तलाक के कारण कई मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी तबाह हो गई है. इस स्टोरी […]

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इन मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया

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  • August 22, 2017 4:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाने वाला है. 11 से 18 मई तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. तीन तलाक के कारण कई मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी तबाह हो गई है. इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने तीन तलाक से उनकी जिंदगी बर्बाद होने के बाद इस प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है.
 
शायरा बानो
काशीपुर में गुजर-बसर करने वाली याचिकाकर्ता शायरा बानो को उसके शौहर ने कोर्ट के माध्यम से मायके में तलाकनामा भेज दिया. जिसके बाद शायरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए तीन बार तलाक के नियम में बदलाव की मांग उठाई है. शौहर से तलाकनामा मिलने के बाद शायरा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की. लेकिन यहां उसकी याचिका खारिज हो गई. उन्होंने हिम्मत नहीं हारते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जहां उसकी याचिका मंजूर हो गई.
 
 
उन्होंने अपने शौहर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पहले तो उससे दो बच्चे हैं. इसके बाद करीब सात बार उसका गर्भपात उसकी मर्जी के खिलाफ कराया गया. बावजूद इसके शायरा का शौहर उससे लगातार दहेज की मांग करते हुए उससे आए दिन मारपीट कर करता रहा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक खत्म होनी चाहिए.  
 
शाहबानो मामला
इंदौर की रहने वाली मुस्लिम महिला शाहबानो को उसके पति मोहम्मद खान ने 1978 में तलाक दे दिया था. पांच बच्चों की मां 62 वर्षीय शाहबानो ने 1985 में सुप्रीम कोर्ट में केस किया. शाहबानो ने गुजारा भत्ता पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और पति के खिलाफ गुजारे भत्ते का केस जीत भी लिया.
 
खुशबू मामला
उत्तर प्रदेश की खुशबू को उसके पति ने फोन पर तीन तलाक दे दिया. खुशबू के अनुसार उसका पति शादी के बाद से उसे पैसों के लिए मारता-पीटता था और एक दिन उसे फोन पर तलाक दे दिया.
 
रेहाना मामला
यूपी के ही पीलीभीत की रेहाना को 18 साल शादी के बाद उसके पति ने फोन पर तीन बार तलाक कह कर छोड़ दिया. इसके बाद ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया. जिसके बाद रेहाना को कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी.
 
आतिया साबरी मामला
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर की आतिया साबरी के पति ने साल 2016 में कागज पर तीन तलाक लिखकर उससे अपना रिश्ता तोड़ लिया. 2012 में आतिया की शादी हुई, उनकी दो बेटियां हैं. उनका आरोप है कि लगातार 2 बेटियां से उनके शौहर और ससुर नाराज थे.
 
आफरीन रहमान
राजस्थान के जयपुर की 26 साल की आफरीन की शादी 2014 में हुई थी. आफरीन के अनुसार शादी के दो-तीन महिने के बाद ही उनके परिजन दहेज के लिए उसे परेशान करने लगे. जिसके बाद मई 2016 में आफरीन के पति ने स्पीड से उसे तलाक भेज दिया.
 
गुलशन परवीन
यूपी के रामपुर की 31 साल की गुलशन परवीन की शादी अप्रैल 2013 में उसके शादी हुई थी. शादी के दो साल तक उसे दहेज के लिए प्रताडित किया गया. 2015 में एक 10 रुपए के स्टांप पर उसके पति ने तलाक नामा भेज दिया. उसके बाद से गुलशन अपने माता-पिता के साथ रह रही है.
 
इशरत जहां
पश्चिंम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां को शादी के 15 साल बाद अप्रैल 2015 में उसके पति ने दुबई से फोन पर तलाक बोल दिया था. जिसके बाद वो इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही थीं.

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