श्रीनगर: कश्मीर में सरकार ने टेरर फंडिंग की जांच का शुरू की, अलगाववादी नेताओं के पसीने छूटने शुरू हो गए. एक तरफ एक के बाद एक अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारियां और दूसरी तरफ एनकाउंटर में लगातार मारे जा रहे आतंकवादियों की खबरें पढ़-पढ़कर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी खौफज़दा हैं.
इंडिया न्यूज़/ इनखबर के पास मौजूद सैयद अली शाह गिलानी की एक वीडियो मौजूद है जिसमें वो भारत को लोकतंत्र की दुहाई देते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये वीडियो उनके अस्पताल से निकलने के बाद का है.
इस वीडियो में गिलानी कह रहे हैं कि हम हिंदुस्तान से उनके हिस्से की जमीन नहीं छीन रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान आबाद रहे, आजाद रहे लेकिन हमें हमारा पैदायशी हक दिया जाए. उन्होंने कहा कि ये हमारा बुनियादी हक है कि हमें चुनने की आजादी दी जाए कि हम हिंदुस्तान के साथ रहना चाहते हैं, पाकिस्तान से मिलना चाहते हैं या फिर अलग मुल्क बनना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता भारत सरकार से अपना पैदायशी हक मांग रही है और सरकार को उनका ये हक देने से इनकार नहीं करना चाहिए. गिलानी ने कहा कि भारत दुनियाभर में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने का दावा करता है लेकिन जम्मू-कश्मीर के साथ उनका रवैया अलोकतांत्रिक है.
उन्होंने लोगों से अपील करते हिए कहा कि हमें एक दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं होना चाहिए, जो आजादी और इस्लाम पसंद लोग हैं उन्हें अलग नहीं होना चाहिए.