EC Notice to Sadhvi Pragya: भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे के बयान पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. भोपाल के निर्वाचन अधिकारी ने प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है.
भोपाल. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के 26/11 मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान देने पर चुनाव आयोग ने सख्ती बरती है. भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को नोटिस जारी कर एक दिन में जवाब मांगा है. निर्वाचन अधिकारी ने साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे पर की गई टिप्पणी को चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना है. भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस में बताया है कि यदि साध्वी एक दिन के भीतर अपना जवाब नहीं देती है तो उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि दो दिन पहले मालेगांव बम धमाके की आरोपी और बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि शहीद हेमंत कररके ने उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया. उन्होंने हेमंत करकरे को कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा. इसके ठीक सवा महीने बाद आतंकवादियों ने हेमंत करकरे को मार दिया. इसके बाद विपक्ष समेत सोशल मीडिया पर साध्वी के इस विवादित बयान की खूब किरकिरी हुई.
Bhopal: A notice has been issued to Pragya Singh Thakur by District Election Officer and Collector under model code of conduct seeking an explanation from her for her comment on Late Hemant Karkare within a day. (File pic) pic.twitter.com/cqnjQwRIRN
— ANI (@ANI) April 20, 2019
शुक्रवार को बीजेपी ने बयान जारी कर साध्वी प्रज्ञा की हेमंत करकरे को लेकर की गई टिप्पणी से पल्ला झाड़ दिया और उसे प्रज्ञा ठाकुर का निजी बयान करार दिया. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा ने भी सफाई देते हुए अपने बयान पर माफी मांगी और कहा कि उन्हें हेमंत करकरे की मौत पर व्यक्तिगत दुख था.
आपको बता दें कि सितंबर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में दर्दनाक धमाका हुआ, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. यह ब्लास्ट रमजान के वक्त हुआ था और नमाज पढ़ने जा रहे मुसलमान इसकी चपेट में आ गए. इस ब्लास्ट के पीछे हिंदू संगठन का हाथ होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया. फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और साध्वी प्रज्ञा जमानत पर बाहर हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने उन्हें भोपाल से कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के सामने उतारा है.