नई दिल्ली. खूनी खेल ब्लू व्हेल मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस खेल पर हैरानी जताई है. हाई कोर्ट ने कहा कि यह कैसा खेल है, जिसमें बच्चे तो बच्चे, बालिग लोग भी इसकी इसकी चपेट में आ जाते हैं. बच्चों का तो समझ में आता है मगर बालिग लोग बिल्डिंग से कूद जाते हैं?
कोर्ट ने कहा कि ब्लू व्हेल खेल को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही कई आदेश जारी किए हैं. पहले तो कोर्ट को यह पता होना चाहिए कि सरकार ने क्या आदेश जारी किए हैं. याचिकाकर्ता से कहा कि वे केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट के सामने रखें. मामले में हाईकोर्ट 22 अगस्त को सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्या आपको लगता है कि आज ही इस पर हम कोई आदेश जारी कर सकते हैं जो पूरी तरह से प्रभावी हो. क्या याचिकाकर्ता सिर्फ दिल्ली के लिए प्रतिबंध चाहते हैं या पूरे देश में?
बता दें कि ब्लू व्हेल चैलेंज ऑनलाइन गेम ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है. इस गेम में कुछ ऐसा लोचा है कि इसे खेलने वाले बच्चे या तो आत्महत्या कर ले रहे हैं या फिर इसकी वजह से बुरी तरह से जख्मी हो जा रहे हैं.
यही वजह है कि केन्द्र सरकार ने ऑनलाइन कंप्यूटर एवं मोबाइल गेम ब्लूव्हेल चैलेंज खेलने वाले बच्चों पर दुष्प्रभावों की शिकायत के बाद इस गेम पर रोक लगाते हुये गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, माइक्रोसॉफ्ट, और याहू को तुरंत गेम डाउनलोड करने संबंधी लिंक हटाने का निर्देश दिया है.
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय ने ब्लू व्हेल चैलेंजर नामक वीडियो गेम का नकेल कसने के लिए गूगल इंडिया, फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और याहू इंडिया को एक चिट्ठी लिखकर इसे डिलिंक करने का आदेश जारी कर दिया है.
इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी तथा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ब्लू व्हेल चैलेंज पर रोक लगाने के सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.