Poonam Sinha Files Nomination Against Rajnath Singh in Lucknow: लखनऊ से ज्यादातर पार्टियां हाई प्रोफाइल कैंडिडेट उतारती हैं. भाजपा से राजनाथ सिंह को टक्कर देने के लिए सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा ने लखनऊ से अपना नामांकन भर दिया है. भाजपा के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा हाल ही में सपा से जुड़ीं हैं.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, एक राजनीतिक रूप से चार्ज शहर है. चुनावों के दौरान, यह अपने हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों के कारण और भी अधिक चार्ज हो जाता है. लखनऊ से संसद में राजनीतिक दिग्गज भेजने का एक लंबा इतिहास रहा है. इसका प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पांच बार किया है और लोकसभा में इसके वर्तमान प्रतिनिधि गृह मंत्री राजनाथ सिंह हैं, जो इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
जब सत्ता में राजनाथ सिंह की तरह एक राजनीतिक दिग्गज हो तो यह उम्मीद की जाती है कि अन्य राजनीतिक दल ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे जो कुछ चुनौती दे सकें. लेकिन ऐसा लग रहा है कि विपक्ष ने पहले ही मैदान छोड़ दिया है. उम्मीदवार का चयन इस बात के संकेत देता है.
Lucknow: SP-BSP-RLD candidate from Lucknow parliamentary constituency, Poonam Sinha, holds a road show after filing nomination; Shatrughan Sinha & Dimple Yadav also present #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/gxXojges3d
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 18, 2019
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) ने अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को मैदान में उतारने का फैसला किया है. शत्रुघ्न हाल ही में भाजपा छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए. भाजपा एक ऐसी पार्टी थी जिसके साथ उनका तीन दशक लंबा साथ रहा.
पूनम के नामांकन के बाद, यह स्पष्ट है कि शत्रुघ्न अपनी पत्नी के लिए प्रचार करेंगे और भाजपा प्रत्याशी पूनम के खिलाफ अपनी साख को दांव पर लगाकर उनके लिए वोट मांगेंगे. हालांकि कांग्रेस सदस्य होने के नाते, उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ खड़ी अपनी पत्नी के लिए वोट मांगनी नहीं चाहिए.
हालांकि, बीजेपी में कई लोग मानते हैं कि शत्रुघ्न के लिए राजनाथ सिंह के खिलाफ प्रचार करना आसान काम नहीं होगा क्योंकि राजनाथ सिंह के इशारे पर ही शत्रुघ्न को 2014 के चुनावों में पटना साहिब से भाजपा का टिकट दिया गया था. 2014 के चुनावों के दौरान बिहार के भाजपा नेतृत्व ने शत्रुघ्न सिन्हा की उम्मीदवारी का विरोध किया था क्योंकि उन्हें लगा था कि स्थानीय कारक उनके पक्ष में नहीं थे.
राजनाथ सिंह ने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि सिन्हा को पटना साहिब से टिकट दिया जाए. लेकिन राजनीति में कोई स्थायी दोस्त और दुशमन नहीं होते. अब पूनम सिंह लखनऊ में राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हो गईं हैं.
जहां सपा कायस्थ मतों की महत्वपूर्ण संख्या पर भरोसा कर रही है, पिछले अनुभव से पता चला है कि कायस्थ समुदाय ने राजनाथ सिंह और भाजपा को वोट दिया है. सपा भी शत्रुघ्न सिन्हा की लोकप्रियता का इस्तेमाल वोट बंटोरने में कर सकती है. मंगलवार को नामांकन से पहले आयोजित राजनाथ सिंह के रोड शो में जमा भीड़ से स्पष्ट रूप से संकेत मिले हैं कि शत्रुघ्न की स्टार अपील भी इसके आगे फीकी होगी.
राजनाथ के बड़ी संख्या में समर्थक हैं, जो जातिगत संप्रदायों के बावजूद उन्हें वोट देंगे. 2014 में राज्य के सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – कांग्रेस, बसपा और सपा ने ब्राह्मण वोटों को मजबूत करने और आकर्षित करने के लिए ब्राह्मण उम्मीदवारों रीता बहुगुणा जोशी, नकुल दुबे और अभिषेक मिश्रा को मैदान में उतारा था. इसके बावजूद, राजनाथ सिंह को कुल मतों का लगभग 55 प्रतिशत वोट मिला और भारी अंतर से जीत हासिल की. दूसरी ओर, पूनम सिन्हा को लखनऊ में बिना किसी राजनीतिक अनुभव और समर्थन के आधार पर रैंक आउटसाइडर माना जाएगा.
उम्मीदवार की बात करें तो कांग्रेस की पसंद और भी दिलचस्प है. कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को मैदान में उतारने का फैसला किया है. कृष्णम एक आध्यात्मिक गुरु हैं और इससे पहले 2014 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के संभल जिले से लोकसभा चुनाव लड़े थे. वो बुरी तरह हारे और विजयी भाजपा उम्मीदवार सत्यपाल सिंह सैनी को 3,60,000 वोट मिले.
कृष्णम को केवल 16,034 वोट मिले, कुल वोटों का सिर्फ 1.52 प्रतिशत. वह पांचवें स्थान पर रहे. ऐसा तब रहा जब वो किसी भी राजनीतिक दिग्गज के साथ मुकाबले में नहीं थे. इन सभी को देखते हुए लग रहा है कि राजनाथ सिंह की तरह दिग्गज नेता के खिलाफ खड़े होना बाकि पार्टियों के उम्मीदवारों के लिए बुरी खबर साबित हो सकता है.