सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अन्य की याचिका खारिज कर दी है. इन्होंने जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) टीचर भर्ती स्कैम में मिली 10 साल की सजा को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी थी. जस्टिस एफएमआई कैलिफुल्ला और शिव कृति सिंह की बेंच ने कहा कि हमलोग इस मामले को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अन्य की याचिका खारिज कर दी है. इन्होंने जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) टीचर भर्ती स्कैम में मिली 10 साल की सजा को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी थी. जस्टिस एफएमआई कैलिफुल्ला और शिव कृति सिंह की बेंच ने कहा कि हमलोग इस मामले को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.
80 साल के चौटाला और इनके बेटे अजय सिंह चौटाला (54) की अपील को इस बेंच ने सिरे से खारिज कर दिया. अन्य के मामले में भी इस बेंच ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह सलाह दी कि दोषी सेहत को लेकर कोई छूट चाहते हैं तो वे दिल्ली हाई कोर्ट में ही अर्जी लगाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परोल के लिए भी उन्हें हाई कोर्ट ही जाना चाहिए. चौटाला समेत उनके बेटे और तीन अन्य को इस मामले में 10 सालों की कैद सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने 6 जुलाई को चौटाला की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने कहा था कि वह किसी और मुकदमे की सुनवाई में बिजी हैं.
हाई कोर्ट ने 5 मार्च को चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला समेत तीन अन्य को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं कि संवैधानिक ढांचों की रीढ़ कैसे तोड़ी जा रही है. बाप-बेटे के अलावा 53 अन्य को 16 जनवरी 2013 को ट्रायल कोर्ट ने 3,206 टीचर्स की अवैध नियुक्ति में दोषी ठहराया था. हरियाणा में यह नियुक्ति 2000 में हुई थी.
एजेंसी