नई दिल्ली: हेमा मालिनी को तो आप साल में चार बार राधा बनकर मंच पर नाचते हुए देखते आ रहे हैं, कभी किसी शहर में तो कभी किसी देश में, कान्हा से उनका असीम प्रेम ही था, जिसके चलते उन्होंने बीजेपी से मथुरा की सीट मांगी और आज वहां की एमपी भी हैं. लेकिन धर्मेन्द्र को किसी ने कभी कृष्ण के रूम में नहीं देखा होगा. उन्होंने कृष्ण का रोल तब कर लिया था, जबकि हेमा हिंदी फिल्मों में आई भी नहीं थीं और उनकी राधा थीं मीना कुमारी.
धर्मेन्द्र और मीना कुमारी की राधा-कृष्ण की ये ब्लैक एंड ह्वाइट तस्वीर है फिल्म पूर्णिमा की जो 1965 में बनी थी, और तब तक हेमा मालिनी ने बॉलीवुड में कदम भी नहीं रखा था. हेमा की पहली हिंदी फिल्म सौदागर राज कपूर के साथ रिलीज हुई था, इस फिल्म की रिलीज के ठीक तीन साल बाद. जबकि मीना कुमारी तब तक पचास से ज्यादा फिल्में कर चुकी थीं। धर्मेन्द्र की भी तक तब 15 ही फिल्में आईं थीं.
दरअसल ये उन दिनों की बात है जब युवा धर्मेन्द्र का सितारा चमकना शुरू हो चुका था, और वो बंदिनी, हकीकत और आई मिलन की बेला जैसी फिल्में कर चुके थे. मीना कुमारी धर्मेन्द्र को पसंद करने लगी थीं और उनके साथ मैं भी लड़की हूं, पूर्णिमा औऱ फूल और पत्थर जैसी फिल्में साइन कर चुकी थीं.
मीना कुमारी का हीरो बनने से धर्मेन्द्र का कैरियर एकदम से रॉकेट बन गया था. इन्हीं में से पूर्णिमा फिल्म में राधा-कृष्णा का ये गीत फिल्माया गया था. फिल्म में पूर्णिमा की लीड किरदार मीना कुमारी ने और उसके हीरो के रूप में प्रकाश यानी धर्मेन्द्र थे.
गाने के बोल थे राधा तोहरे कान्हा ने मुरली बजाई, जिसको लिखा था गुलशन बाबरा ने और म्यूजिक था कल्याणजी आनंदजी का इस गाने को गाया था मुकेश और सुमन कल्याणपुर ने. फिल्म के डायरेक्टर थे नरेन्द्र सूरी ने और प्रोडयूस किया था महापात्रा शाह ने. गाना एक स्टेज सीन के तौर पर फिल्माया गया था, जिसमें नाराज राधा को रोल में थीं मीना कुमारी और बासुंरी बजाकर कान्हा के रोल में दिखे धर्मेन्द्र.
इस गाने के बाद शायद फिर कभी धर्मेन्द्र ना किसी स्टेज पर और ना ही किसी फिल्म में कान्हा का रोल किया, चूंकि हेमा और कान्हा का रिश्ता पूरे देश को पता है, ऐसे में कान्हा के रूप में धर्मेन्द्र पर फिल्माया ये गाना उनके फैंस के लिए दिलचस्प तो है ही.