‘हिंदू उग्रवादियों’ के बारे में बाबरी विध्वंस रिपोर्ट में लिखा था: जस्टिस लिब्रहान

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 'हिन्दू आतंकवाद' शब्द का इजात कर कांग्रेस पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया. लेकिन, अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को दिए गए इंटरव्यू में बाबरी मस्जिद तोड़ने की जांच करने वाले जस्टिस एमएस लिब्रहान ने कहा कि उन्होंने पहली बार अपनी रिपोर्ट में 'हिंदू उग्रवादी' शब्द का उपयोग किया था.

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‘हिंदू उग्रवादियों’ के बारे में बाबरी विध्वंस रिपोर्ट में लिखा था: जस्टिस लिब्रहान

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  • August 3, 2015 3:10 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द का इजाद कर कांग्रेस पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया. लेकिन, अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए गए इंटरव्यू में बाबरी मस्जिद तोड़ने की जांच करने वाले जस्टिस एमएस लिब्रहान ने कहा कि उन्होंने पहली बार अपनी रिपोर्ट में ‘हिंदू उग्रवादी’ शब्द का उपयोग किया था.

जस्टिस लिब्रहान ने कहा,  ‘मैंने अपनी रिपोर्ट में हिन्दू उग्रवादियों का जिक्र किया है, अगर मैं अपना विचार बदल भी दूं तो इसे मिटा नहीं सकता. मैं कोई नेता नहीं हूं, किसी भी तरह का आतंकवाद बुरा है. निर्दोष लोगों की हत्याएं गलत हैं.’ ‘हिंदू आतंकवाद’ से जुड़े कथित मामले जैसे समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव धमाकों के गवाहों के पलट जाने के सवाल पर जस्टिस लिब्रहान ने कहा कि एनआईए जैसी स्वतंत्र एजेंसी तमाशा है. अगर एजेंसी के राजनीतिक आका चाहेंगे तो केस के अंतिम परिणाम पर तुरंत पहुंचा जा सकता है.  

इसके अलावा जस्टिस लिब्रहान ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां जानती हैं कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस के हीरो थे. उन्होंने कहा कि अपनी सच्ची रिपोर्ट देने की कीमत वो आज तक चुका रहे हैं. लिब्रहान ने कहा कि उनके सुझावों को अमल में नहीं लाया गया. उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर बने तमाम आयोगों का कोई महत्व नहीं है.

उल्लेखनीय है कि लिब्रहान आयोग को इस बात की जांच करनी थी कि किन परिस्थितियों में बाबरी मस्जिद तोड़ी गई. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देशभर में दंग भड़क उठे थे जिसमें हज़ारों लोग मारे गए थे. आयोग को 16 मार्च, 1993 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन उसके बाद लगातार इसकी अवधि बढ़ाई जाती रही. 17 वर्षों के बाद जस्टिस एमएस लिब्रहान ने 30 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को सौंपी थी. 

आपको बता दें कि छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिराया गया था और उसके बाद गठित इस आयोग की अवधि 48 बार बढ़ाई गई. इस आयोग ने 400 बैठकें कीं और बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बयान दर्ज किए थे. लेकिन, रिपोर्ट सौंपने के बाद भी किसी भी राजनेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई.

इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ ने संसद में कहा,  ‘यूपीए के गृह मंत्री ने था हिंदू आतंकवाद की नई टर्म इजात करके आतंकवादी घटनाओं की जांच की दिशा को बदलने का काम किया. यूपीए के गृह मंत्री द्वारा हिंदू आतंकवाद की टर्म को इजाद किए जाने पर हाफिज सईद ने उन्हें बधाई दी थी.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को इसका जोरदार खंडन किया कि उन्होंने संसद में ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल किया था जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है.

 

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