Election Politics On Armed Forces: पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को मीडिया में दिखाया जा रहा पत्र उन्होंने नहीं लिखा है जिसमें कहा गया था कि आर्मी ना बीजेपी की ना कांग्रेस की, देश की है, राजनीति और चुनाव में उनके नाम का इस्तेमाल रोकें.
नई दिल्ली. शुक्रवार को मीडिया में एक पत्र वायरल हुआ. इस पत्र के लिए ये दावा किया गया कि ये पूर्व सैन्य अधिकारियों ने लिखा है. ये पत्र कथित तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा गया था जिसमें कहा गया है कि बतौर कमांडर इन चीफ रामनाथ कोविंग ये सुनिश्चित करें कि हमारे सशस्त्र बलों का धर्मनिरपेक्ष और राजनीतिक चरित्र संरक्षित रहे.
हालांकि शुक्रवार दोपहर राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने कहा कि, मीडिया में वायरल हो रहा किसी भी तरह का पत्र राष्ट्रपति को सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारियों द्वारा नहीं भेजा गया है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का पत्र राष्ट्रपति भवन में नहीं पहुंचा है. इसी के बाद कई सैन्य पूर्व अधिकारी भी इस पत्र पर सामने आए.
राष्ट्रपति के लिए सशस्त्र बलों के दिग्गजों द्वारा लिखे गए कथित पत्र पर पहला साइन एसएफ रोड्रिग्स का है. उन्होंने इसपर साइन करने से इंकार कर दिया है. जनरल एस एफ रोड्रिग्स ने कहा कि वो नहीं जानते कि यह सशस्त्र बलों के दिग्गजों द्वारा राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र क्या है? मेरा सारा जीवन, मैं राजनैतिक रहा. अफसर के रुप में 42 साल के काम के बाद अब ये बदलने में देर हो गई है. वैसे भी हम भारत को पहले स्थान पर रखते हैं. यह नहीं जानता ये लोग कौन हैं जो फर्जी खबरों को फैलाते हैं. उन्होंने कहा, हमने सेवाओं में हमेशा वही किया है जो सत्ता में सरकार ने हमें आदेश दिया है, हम राज्य का एक साधन हैं. हम राजनैतिक हैं. कोई भी कुछ भी कह सकता है और फिर इसे नकली समाचार के रूप में बेच सकता है, मुझे नहीं पता कि यह सज्जन कौन है जिसने इसे लिखा है.
#WATCH Goa: General SF Rodrigues who is mentioned as the first signatory in the purported letter written by armed forces veterans to President, denies signing it. pic.twitter.com/h1PNBCV909
— ANI (@ANI) April 12, 2019
एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कहा, यह सशस्त्र बलों के दिग्गजों द्वारा राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र एडमिरल रामदास का पत्र नहीं है और यह किसी मेजर चौधरी द्वारा लिखा गया है. उन्होंने यह लिखा है और यह व्हाट्सएप और ईमेल पर आ रहा है. उन्होंने कहा, इसे समाप्त करने के लिए, मैंने लिखा है कि सशस्त्र बल राजनीतिक रूप से निर्वाचित सरकार का समर्थन कर रहे हैं. और नहीं, ऐसे किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई है. उस पत्र में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे सहमत नहीं हूं. हमारा नाम गलत लिया गया है.
इस पर पूर्व आर्मी वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू जिनका पत्र में 20 वें स्थान पर नाम लिखा है ने कहा, नहीं, इस तरह के किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई है और न ही मैंने ऐसा कोई पत्र लिखा है.
वहीं पत्र में 31 वें स्थान पर मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ का नाम है उन्होंने कहा, हां, मैंने पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी सहमति दी थी. मैंने इसके अंदर लिखी बात जानने के बाद ही अपनी सहमति दी थी.
Major General Harsha Kakkar (who is 31st on the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): Yes, I had given my consent for being a signatory to the letter. I had given my consent only after knowing the contents of it. (file pic) pic.twitter.com/o8rqGfqyAp
— ANI (@ANI) April 12, 2019